इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को आइपीएस श्रुति अरोड़ा के नेतृत्व में एसआइटी ने किया गिरफ्तार
चंडीगढ़: 12 मार्च:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:— सेक्टर-37 स्थित कोठी नंबर-340 में कब्जा कर मालिक का अपहरण करने और उसे ड्रग एडिक्ट बनाकर आश्रम में छोड़ने के मामले में मुख्य आरोपी पूर्व पत्रकार संजीव महाजन, प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता और डीएसपी रामगोपाल के भाई सतपाल डागर की गिरफ्तारी के बाद यूटी पुलिस ने इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी इंस्पेक्टर राजदीप सिंह की भूमिका का खुलासा होने पर उसे शुक्रवार देर शाम डीएसपी साउथ श्रुति अरोड़ा के नेतृत्व में गिरफ्तार किया गया।
आरोपी राजदीप सिंह को एसआइटी के समक्ष शुक्रवार को अपने बयान दर्ज करवाने थे। माना जा रहा था कि बयान दर्ज करने के बाद राजदीप सिंह को दोबारा बुलाया जाएगा। लेकिन मामले ने राजदीप सिंह की गिरफ्तारी के साथ फिर से एक बार रफ्तार पकड़ ली है। आरोप हैं कि मामले में तत्कालीन थाना-39 एसएचओ इंस्पेक्टर राजदीप सिंह ने उनके पास पहुंची शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करने के बजाय शिकायतकर्ता को ही धमका कर लौटा दिया था। साथ ही मामले में मुख्य आरोपी संजीव महाजन व अन्यों का साथ देने के आरोप भी राजदीप सिंह पर हैं। इस संबंध में डीएसपी साउथ श्रुति अरोड़ा के नेतृत्व में गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के सदस्यों ने राजदीप सिंह पर लगे आरोपों की मजबूती के लिए कई दस्तावेज भी जुटाए हैं।
माना जा रहा है कि अब मामले की पड़ताल के लिए आरोपी राजदीप सिंह का भी कोर्ट से रिमांड हासिल किया जा सकता है। इससे पूर्व मामले में मुख्य आरोपी पूर्व पत्रकार संजीव महाजन, सह आरोपी मनीष गुप्ता और सतपाल डागर को गिरफ्तार कर उनका रिमांड हासिल किया गया था। इसके बाद सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर उन्हें बुड़ैल जेल भेजा जा चुका है।
यूं बनाई करोड़ों की प्रॉपर्टी…
मुख्य आरोपी संजीव महाजन की अभी तक की जांच में करीब 9 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी सामने आ चुकी है। उसकी प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड हासिल करने में एसआईटी अभी भी जुटी है। एसआईटी की जांच में पता लगा है कि संजीव महाजन के नाम पर सेक्टर-37 में कोठी, सेक्टर-41 में कमर्शियल साइट है। अटावा में उसकी पत्नी के नाम बूथ है। इसके अलावा संजीव महाजन के पास नयागांव में प्लॉट और ड्डूमाजरा में भी एक बूथ है। पुलिस इस मामले में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के सेक्टर 38 स्थित घर और ऑफिस में सर्च कर चुकी है। इस दौरान एसआईटी को प्रॉपर्टी के कागजात और केस से संबंधित कुछ अहम सुराग मिले थे। फिलहाल एसआईटी को शराब ठेकेदार अरविंद सिंगला, लखविंदर सिंह कादियान, अशोक अरोड़ा, सौरभ गुप्ता, शेखर और दलजीत सिंह रूबल को गिरफ्तार करना है। पुलिस टीम इनकी धरपकड़ के लिए विभिन्न जगहों पर छापामारी करने में जुटी है।
कंपनी एंड स्विफ्ट की डायरेक्टर थी महाजन की पत्नी
वर्ष 2018 में चंडीगढ़ में सामने आ चुके 125 करोड़ के वैट घोटाले के तार भी संजीव महाजन के साथ जुड़े हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि डेराबस्सी कि जिस फार्मास्यूटिकल कंपनी में आरोपी संजीव की पत्नी डायरेक्टर के रूप में कार्यरत दिखाई गई है, वह कंपनी इंड स्विफ्ट फार्मा है। उसके मालिक नवरत्न मुंजाल को क्राइम ब्रांच ने 5 करोड़ से अधिक के वैट घोटाले में गिरफ्तार किया था। संजीव महाजन ने ही मुंजाल से सेटिंग कर उसे पुलिस से राहत दिलवाने के एवज में अपनी पत्नी को उसकी कंपनी में डायरेक्टर बनवाया और डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह वेतन के रूप में वसूलने लगा। कंपनी का प्रोफाइल जानने के बाद महाजन ने कंपनी में इन्वेस्ट भी किया। फिलहाल एसआईटी उस राशि का पता लगाने में जुटी है। एसआईटी ने वैट घोटाले के आरोपों और जमानत पर चल रहे नवरत्न मुंजाल से भी शुक्रवार की पूछताछ की। माना जा रहा है कि इस पूछताछ के बाद ही राजदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया।