दादी राजयोगिनी हृदय मोहिनी शिव बाबा से उपजी और उन्हीं में समा गईं: ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय

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चंडीगढ़:- 11 मार्च :- आर के विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:—बृहस्पति वार और कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की महाशिवरात्रि दिवस अति उत्तम योग और ऐसे में दादी ने हृदय मोहिनी ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सर्वे सर्वा आज सवेरे हम सबको गमगीन करते हुए अपने शिवबाबा में लीन हो गई हैं। जीने का एक अध्याय वह ध्येय देकर ही भगवान इंसान को जन्म देता है। लेकिन भौतिक संसार में आकर हम सब इस को भूल जाते हैं। धन्य हैं दादी जी की पुण्य पवित्र आत्मा । जो शिव जी से उपजीं और शिव में ही समा गईं। और दुनिया को जीवन के असली मकसद से रूबरू करवा गईं।

इस कारणवश आज राजयोग भवन में होने वाले तमाम कार्यों को कुछ समय के लिए पड़ाव पर किया गया है। सिटी पीसफुल से दीदी पूनम जी से भी संपर्क करने की कोशिश की गईं। पर नाकाम रहे। इस बाबत यह शोकाकुल समाचार भाई अमित वेरी  से प्राप्त हुआ। और लाखों भक्त जनों की तरह ही हम भी गहरे असमंजस में हैं। कि इसको दुखद घड़ी कहें। या  सुखद। महापुरुषों का इस धरती से जाना दुखदाई हो सकता है। उन के द्वारा दिए गए उपदेश, आशा की किरण, जीवन जीने का मार्गदर्शन हमेशा सुखद अनुभव होता है। यह रूह बिछड़ कर भी हम सब में बाबा शिव की ज्योति के रूप में और प्रज्वलित प्रचंड रहेंगी। और हमारे भौतिक शरीर का मार्गदर्शन करती रहेंगी।

मैं, आरके विक्रमा शर्मा अल्फा न्यूज़ इंडिया की ओर से दिवंगत पुण्य आत्मा के श्री चरणों में कृतज्ञ वत अपने अश्रुपूर्ण श्रद्धा सुमन समर्पित करता हूं।।

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