चंडीगढ़:- 10 फरवरी:- अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क प्रस्तुति:– हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों पेंशनर्स व आश्रितों को 20 लाख की कैशलेस चिकित्सा का बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने अब पांच लाख रुपये के ईलाज की कैप हटा दी है। अभी तक सिर्फ कर्मचारियों को सात बीमारियों में पांच लाख रुपये का चिकित्सा लाभ मिलता था*।
*हरियाणा सरकार ने करीब डेढ़ साल का लंबा इंतजार कराने के बाद सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवार के सदस्यों को बहुत बड़ी सौगात दी है। प्रदेश सरकार अब सभी कर्मचारियों व पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ प्रदान करेगी। वित्त विभाग ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है और अब बजट में इस राशि का प्रावधान किया जाएगा*।
*स्वास्थ्य विभाग के महानिेदशक की ओर से सरकार के इस फैसले का आदेश जारी होना अभी बाकी है। हरियाणा सरकार के इस निर्णय से करीब पांच लाख कर्मचारियों व पेंशनर्स को सीधे लाभ होगा। यदि एक कर्मचारी व पेंशनर्स के परिवार में औसत पांच सदस्य हैं तो लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 20 लाख हो जाएगी। अभी तक सरकार सिर्फ कर्मचारियों को पांच लाख रुपये प्रति साल के हिसाब से कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ देती थी। इसमें भी मात्र सात बीमारियां कैंसर, हार्ट, रोड एक्सीडेंट, ब्रेन हेमरेज, कोमा की स्थिति और पेट की बीमारी कवर होती थी*।
*आयुष्मान भारत हरियाणा हेल्थ प्रोजेक्ट अथारिटी के डिप्टी चीफ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (आपरेशन) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा का हवाला देते हुए कर्मचारियों, पेंशनर्स तथा उनके आश्रितों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा में कवर कर लिए जाने के सरकार के फैसले की जानकारी दी है/प्रहलाद। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक को भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि वित्त विभाग की ओर से बजट की मंजूरी दी जा चुकी है। लिहाजा इस बारे में आधाकिरक पत्र विभाग की ओर से जारी किया जाना बाकी है*।
*बता दें कि बजट सत्र 26 फरवरी से शुरू होने वाला है। अभी तक कर्मचारियों को पांच लाख रुपये वार्षिक ही चिकित्सा सुविधा मिलती थी और उनके परिवार का कोई सदस्य इसमें कवर नहीं होता था। हरियाणा सरकार ने अब पांच लाख रुपये की कैप हटाकर इसे अनलिमिटेड कर दिया है। बीमारियों के ईलाज की संख्या भी सीमित नहीं की गई है। यानी कर्मचारी और उनके परिवार के आश्रित किसी भी अस्पताल में, कितनी भी राशि से और किसी भी बीमारी का ईलाज करा सकते हैं*।
*हरियाणा सरकार के पैनल पर आधारित प्राइवेट अस्पतालों में ही यह ईलाज कराया जा सकेगा। इसमें गुरुग्राम, दिल्ली व चंडीगढ़ समेत सभी बड़े शहरों के अस्पताल सरकार के पैनल पर हैं, इसलिए कर्मचारियों के यह इस साल की सबसे बड़ी सुविधा है। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस फैसले को कर्मचारियों, पेंशनर्स तथा उनके परिवार के सदस्यों के लिए बड़ी राहत बताया है*।