चंडीगढ़:- 4 फरवरी :-आरके विक्रमा शर्मा/कर्ण शर्मा:– उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर के चौरी चौरा शहादत कांड की आज 99 वीं बरसी है! यह वही जगह जहां दर्दनाक अग्निकांड हुआ कांड था। जिसके बाद महात्मा गांधी ने दुखी होकर असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। जिला गोरखपुर में चौरी चौरा एक कस्बा है। इस कस्बे में 4 फरवरी 1922 को शांतिपूर्ण आंदोलन पर फिरंगी सरकार के हिंसक कार्रवाई में तीन लोगों की मौत हुई थी! इन लोगों की मौत के जवाब में बेकाबू और आक्रोशित और बेकाबू होने पर चौरी चौरा की पुलिस चौकी को अग्नि भेंट किया था। यहां छिपे हुए सभी 23 पुलिसकर्मियों की जलकर दर्दनाक मृत्यु हुई थी। इसी कारण इस घटना से ही चौरी चौरा कांड मशहूर हुआ था। इस कांड को आज भी याद कर कर पुराने बुजुर्गों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जिन्होंने इस घटना के दर्दनाक किस्से अपने बुजुर्गों से सुने हैं। इस जगह पर अब शहीद स्मारक चौरी चौरा भी स्थापित है। जो हमेशा चोरा चोरी के इस दर्दनाक शहादत कांड की याद दिलाता रहेगा क्योंकि मरने वाले चाहे भारतीय थे या फिरंगी। लेकिन हैं तो 23 इंसान ही थे। महात्मा गांधी जी का दिल इस घटना के बाद बुरी तरह से आहत हुआ था।