सोहनी सिटी के बशिंदे गंदा दूषित पानी पीने को हैं मजबूर

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 सोहनी सिटी के बशिंदे गंदा दूषित पानी पीने को हैं मजबूर

चंडीगढ़ ; 17 जून ; आरके शर्मा विक्र्मा /मोनिका शर्मा ;—- दो स्टेटस की राजधानी सोहनी एजुकेटड सिटी के बशिंदे आज भी गंदा पानी पीने को बेबस हैं ! भले ही ये शहर शिक्षित जमात का शहर है लेकिन अपने  जानकारी और उनकी प्राप्ति के मामले में फिस्ड्डी साबित होता रहा है ! आज प्रशासन और नगर निगम सहित संबंधित डिपार्टमेंट्स आये साल कजौली वाटर वर्क्स तो कभी पुरे वाटर सप्लाई सिस्टम  रिपेयर्स आदि के नाम, पर स्थानीय उपभोक्ताओं से करोड़ों रूपये का राजस्व बिल आदि के रूप में एकत्रित करता है पर बदले में मानवीय जीवन की पहली और बुनियादी जरूरत पीने का पानी उपलब्ध करवाने में नाकामयाब  साबित रहा है ! शर्म और हैरत की बात तो ये कि शहर के जहाँ अधिकतर लोग आज भी स्वच्छ निर्मल जल पीने को अकुलाते हैं वहीँ बड़े सेक्टरों में बड़े नवाबों की  करों तक की रोजाना धुलाई पीने के जल से करना आम देखा जा सकता है ! और दूसरी ओर शहर की अधिकतर जनता पीने के जल के लिए ट्रस्टी तड़पती कभी भी कहीं भी देखि जा सकती है ! नगर के अधिकारी से इस बाबत सवाल करें तो उनको सांप सूंघ जाता है ! इस बारे स्पष्टीकरण के लिए जब कभी एपीआरओ नगर निगम से  तो वह सम्पर्क से नदारद ही मिलता है ! सेक्टरों की  मंजिलों में पानी की पहुँच [वाटर लिफ्टिंग] दयनीय है ! पीड़ित बशिंदे बाल्टी घड़ा आदि भरके कंधे पर उठा कर ऊपरी मंजिल तक पहुंचते देखे जाते हैं ! ये पानी कतई भी पीने लायक नहीं है ! सवेरे सवेरे नल से सीधे गिलास भर के पानी पीने का म्याने गंदा दूषित जल पीने के माक़िफ़ है ! अनेको जगह  दूषित जल पीने से लोगों के सेहत के खराब होने के आंकड़े भी हैरत में डालते हैं ! सरकारी डॉक्टर्स  मानते तो हैं कि दूषित जल पीने वालों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ जारी है ! दूसरी और नगर निगम के मेयर देवेश मोदगिल से सम्पर्क किये गए तो हर मर्तबा नाकामी हाथ लगती रही ! हिंस संग्राम परिषद [भारत] की इकाई अध्यक्षा और सीनियर जर्नलिस्ट संतोष गुप्ता ने प्रशासन सहित नगर निगम से पुरजोर मांग कि जनता को स्वच्छ और निर्मल जल  मुहैया करवाना जिम्मेवार डिपार्टमेंट्स की कानूनी और नैतिक जिम्मेवारी के साथ जवाबदेही भी है ! अगर शीघ्र पब्लिक को स्वच्छ जल पीने के लिए उपलकब्ध  निगम और प्रशासन नाकाम रहते हैं तो जल्दी ही न्यायालय के दरवाजे पर दस्तक दी जाएगी !
       हैरत की बात कि िंगम और प्रशासन इस समस्या पर जल्दी काबू पाने के  हुए ये भी नहीं सोचते कि  झूठ से पब्लिक बखूबी वाकिफ है ! दोनों के पास मेनपॉवर नाममात्र भी नहीं रही है फिर ये वादे वादे क्यों किये जा रहे हैं! उपभोक्ता जमात के साथ आखिर  ये मजाक लीला कब तक जारी रखी जाएगी !  सांसद किरनखेर और भाजपा के अध्यक्ष सहित अन्य विपक्षी पार्टीज के नेताओं की कुम्भकर्णी नींद कभी खुलेगी, और  जनता को अपने हक़ से पीने का जल उपलब्ध होगा ! 

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