पीजीआई डॉक्टरों की बेरुखी व बेपरवाही से छोटा सा घाव किडनी खराब और ब्लड कैंसर का बना सबब,पति छोड़ कर रफ्फूचक्कर

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चंडीगढ़ :-16 जनवरी:- आर के विक्रमा शर्मा/ एनके धीमान:—  हाय ओय मेरे रब्बा गरीबी ना किसे तै आवे गरीबी च ना कोई अपना बिछड़ जावे-_-_ यह अल्फाज किसी गरीब ने गरीब के लिए नहीं कहे थे! बुजुर्ग बताते हैं कि यह अल्फाज एक बादशाह ने जिंदगी में जब पहली बार किसी गरीब की दुर्दशा अपनी आंखों से निहारी, तो उसके लबों से यह अल्फाज बरबस ही बरस पड़े! जी हां!! गरीबी लाचारी अभाव का कभी किसी का फायदा ना उठाओ! हो सके, तो उसकी हर संभव मदद करो !! और अगर मदद भी ना हो सके, तो उसके लिए परवर दिगार के आगे दोनों हाथ उठा कर दुआ करो। आप अच्छे पुण्य के भागी बनेंगे। यह विचार धर्म प्रज्ञ पंडित रामकृष्ण शर्मा जोकि जाने-माने समाजसेवी और हर तरह के पब्लिसिटी स्टंट से दूर रहकर अपने अथक निस्वार्थ भाव से भेदभाव से परे सेवा में जुटे हुए हैं ने व्यक्त किए।।

और इसी तरह जीरकपुर के सेठी ढाबे के मालिक सोनू सेठी लाचार गरीब असहाय मुसीबत में फंसे लोगों का मसीहा बनकर उभरा है। अपनी रोजी-रोटी को भी नजरअंदाज करते हुए हर दुखिया की पुकार सुनता है। 24 घंटे आपातकालीन सेवा में जुटी अपनी एंबुलेंस गाड़ी लेकर उनके पास पहुंच जाता है। और उनके लिए भगवान का दूत बनकर हाजिर हो जाता है।

नगर निगम में कार्यरत आरती शर्मा वासी डडडू माजरा और पूनम दोनों महिला कर्मियों ने किसी तरह सोनू सेठी का संपर्क नंबर खोज कर उनसे संपर्क किया और उनको बताया कि कोरोना बीमारी के चलते एक कोरोनावायरस का इलाज करने वाले डॉक्टरों की भी बेरुखी ओ बेपरवाही का शिकार महिला बेबसी अभावग्रस्त और असाध्य रोग से त्रस्त, मदद के लिए पुकार रही है। 

सोनू सेठी तुरंत अपने एंबुलेंस लेकर पीड़िता को लेकर देहरादून के लिए निकल पड़े हैं सोनू सेठी ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को बताया कि बहुत ही दुख शर्म की बात है कि संकट की इस घड़ी में उक्त पीड़िता का जीवन साथी भी उसे छोड़कर किनारे हो चुका है। ऐसे में उक्त पीड़िता के लिए सोनू सेठी एक फरिश्ता बनकर हाजिर हुए हैं। समाज के सबल लोगों से गुजारिश है कि वह हर हाल में ऐसे लाचार लोगों की, बीमार व असहायों की दिल खोलकर मदद करें। और अगर मदद नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम मददगार बनने वालों तक इनकी पहुंच जरूर सफल करें। हमारे सीनियर रिपोर्टर को सोनू सेठी ने बताया कि कोरोना की बीमारी से ग्रस्त इस महिला को ब्लड कैंसर भी हो चुका है। और आज महिला मरीज को पीजीआई से सीधे देहरादून छोड़ने के लिए सोनू सेठी अपनी निजी एंबुलेंस लेकर जा रहे हैं। पीड़िता के साथ उनके बुजुर्ग मां-बाप भी हैं जैसे कि पहले बताया गया कि डॉक्टरों की बेपरवाही से एक छोटा सा घाव आज एक ब्लड कैंसर का ही नहीं बल्कि किडनी के खराब होने का भी सबब  बन चुका है।घर में पाई पाई की मोहत्ताजी आ चुकी है। ऊपर से सबल सहारा बनने वाला जीवन साथी यानी पति वक्त के बुरे दौर में छोड़कर अपनी रहा हो लिया है।

 

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