जिला गाजियाबाद जहां आज भी पवित्र रिश्ते होते हैं बर्बाद

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गाजियाबाद :-28 फरवरी:- आरके शर्मा विक्रमा/एनके धीमान:—-  देश के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में अपराध अनर्थ अनैतिक अमौलिकता, गैरकानूनी कामों के बिना कभी कोई दिन सुख शांति खुशी सौहार्दपूर्ण बीत जाए ऐसा नामुमकिन है। और जिस किसी ने भी जिला गाजियाबाद पर बनी फिल्म देखी है। उसे तो यहां का जिक्र करना ही सब कुछ याद करा देगा कि जिला गाजियाबाद किन-किन प्रकार के अपराधों दुश्वारियां मुश्किलातों और बुरे कामों के लिए बखूबी पहचाना जाता है।

स्थानीय सिहानी गेट पुलिस ने इसमें 6 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। यह रिपोर्ट 19 वर्षीया पीड़िता ने दर्ज करवाई। जिसके मुताबिक सोसाइटी में काम करने वाली उसकी मां ने सोसायटी के गार्ड के मार्गदर्शन पर मुरादनगर  के लड़के से उसकी शादी तय कर दी।। 21 फरवरी 2020 को बरात आई। दूल्हे की जगह दूसरा लड़का बिठाया गया। पीड़िता ने विरोध किया। बिचोलिए ने कहा यह लड़के का बड़ा भाई है बारात लौटाना अच्छा नहीं होता है। आखिर लड़की के माता-पिता के मनाने पर लड़की लड़के के बड़े भाई से शादी करने को राजी हो गयी। शादी हुई जैसे ही लड़की ससुराल पहुंची पता चला कि वह तो नशे का आदी है पहले दिन नशे का इंजेक्शन लिया और करवट लेकर सो गया।। पीड़िता ने बताया पति के दो बड़े भाई एक छोटा भाई है। बड़ा जेठ पहले से शादीशुदा भी है। शादी के दूसरे दिन से सास कभी बड़े तो कभी छोटे जेठ तो कभी उसके देवर के साथ उसे जबरन संबंध बनाने का प्रेशर डालने लगी। रोज नवविवाहिता विरोध करती। और मारपीट के बाद जैसे-तैसे बाहर निकल आती। आरोपियों ने उनसे अश्लील छेड़खानी भी कीं। नाकाम रहने पर आरोपियों ने बाइक और ट्रक खरीदने के लिए ₹300000 की डिमांड शुरू की। सिहानी गेट के एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा के मुताबिक जांच गहनता से की जा रही है। लेकिन नव विवाहिता के साथ कभी एक भाई तो कभी दूसरा और उसके नाम आने पर सभी मिलकर उसकी सास के साथ मिलकर उसकी पिटाई करते हैं। मामला पुलिस के पास है। और लड़की बेचारी बेबसी में अभी वहीं है या अपने मायके आ गई है। यह जानकारी अभी लंबित है।। जी हां यह जिला गाजियाबाद जहां नैतिक धर्म संकट आदर्श रिश्ते बदनाम और बर्बाद करने में औरतें ही अहम भूमिका निभाती हैं। कानून और समाज सेवी संस्थाएं, खासकर नारी शक्ति उत्थान में लगी एनजीओज़ सब की सब कागजी खानापूर्ति और फाइलों के श्रृंगार मात्र से ज्यादा कुछ नहीं है।

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