सफला एकादशी व्रत नाना प्रकार के विकार और विघ्नों को हरता :- पंडित रामकृष्ण शर्मा

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चंडीगढ़:- 9 जनवरी:- करण शर्मा इनके दिमाग/ एनके धीमान:– नव वर्ष 2021 जनवरी माह का दूसरा शनिवार समस्त प्राणी जगत का अच्छा स्वस्थ, मनोकामना पूर्ण करने वाला और हर प्रकार से तरक्की देने वाला शनिवार साबित हो, इसके लिए भगवान शनि देव से मंगल कामना की जाती है। पंडित रामकृष्ण शर्मा ने कुरुक्षेत्र स्थित श्री गीता धाम में  ब्रह्मलीन गुरु महाराज गीतानंद जी भिक्षु जी की वंदना स्तुति करते हुए यह विचार समस्त प्राणी जगत के कल्याण हेतु गुरु चरणों में व्यक्त किए हैं इस अवसर पर श्री गीता धाम की संचालिका और गुरु महाराज की परम स्नेही शिष्या माता सुदर्शन जी भिक्षु महाराज की गरिमा पूर्ण उपस्थिति में गुरु भक्तों ने गुरु वंदना की। और समस्त संसार को पीड़ा रहित करने की भगवान से गुहार लगाई। नई नई असाध्य बीमारियां प्राणी जगत को बुरी तरह से हानि पहुंचा रही हैं। रोग युक्त कर रही हैं। और बुरे प्रभाव सहने को मजबूर कर रही हैं। हमें इन  सभी से मुक्ति मिल जाए, ऐसा मार्ग भगवान को दर्शाने की विनती की गई है। आज शनिवार को सफला एकादशी का व्रत है। हिंदू समाज में अपने धर्म समाज के प्रति अपने धर्म कर्म के मर्म के प्रति अज्ञानता के चलते हम अपने देवी देवताओं के बताए मार्गों से भटक रहे हैं। हमें सकारात्मक सोच को लेकर अपने जीवन को सफल बनाना है। सफला एकादशी के दिन भी अन्य  एकादशी व्रतों की तरह चावल का भोजन वर्जित रहता है। धर्म शास्त्रों का वर्णन और पठन करने वाले पंडित रामकृष्ण शर्मा के मुताबिक अगर भूलवश एकादशी के दिन चावल का भोजन खा लिया जाए, तो अगले दिन इस दोष से मुक्त होने के लिए अवश्य चावल का भोजन ग्रहण करें। यह हमारे धर्म शास्त्रों का विशेष उल्लेख जीवन में अनुकरणीय है। इस दिन भगवान शिव पार्वती की अनन्य भाव से भक्ति की जाती है। व्रत भी  रखा जाता है, जो कि हमारे वर्तमान भूतकाल और भविष्यमयी जीवन को धर्म की ओर प्रेरित करता है। मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है।। और असहाय लोगों को अपनी समर्थन मुताबिक भोजन व्यवस्था लिखी जाती है जिसे हम भंडारा प्रशादी भी कह देते हैं।।

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