कुरुक्षेत्र:- 3 जनवरी:-आरके विक्रमा शर्मा:– स्थानीय श्री कृष्ण संग्रहालय के सामने माता जय श्री मार्ग पर स्थित श्री गीता धाम में कण-कण में भगवान के साक्षात दर्शन होते हैं आध्यात्मिक बुद्धि और दृष्टि से देखने पर सब कुछ दृष्टिगोचर होता है। इस प्रांगण में दो पेड़ सद्गुरु देव मंदिर के सामने वाले पार्क में स्थित हैं कोने में लगे यह दोनों ऊंची वृक्ष अपनी ममता और अपने समर्पण त्याग में भावना का उदाहरण है इन ऊंचे पेड़ों की शाखाओं पर एवं की गोद में एक पेड़ की गोद में दो पीपल के वृक्ष लगे हुए हैं। और दूसरे पेड़ की गोद में से वट का वृक्ष और एक अन्य वृक्ष जीवन पा रहा है। यह दोनों वृक्ष अपनी अद्भुत त्यागमई गाथा खुद कहते दृष्टिगोचर होते हैं। लोग इन के दर्शनों के लिए जरूर पधारते हैं। गीता धाम में गुरु महाराज की विशाल प्रतिमा, भगवान अर्जुन और सारथी कृष्ण महाराज जी का महान रथ और दुर्गा मां की प्रतिमा, भगवान शंकर परिवार व भगवान श्री राम दरबार सहित राधा कृष्ण जी, भगवान शंकर जी व भगवान गणपति गणेश जी और हनुमान जी की मनमोहित करती मूर्तियां स्थापित हैं। इनके श्री दर्शनों के बाद श्रद्धालु जन जो भारत के कोने-कोने से यहां आते हैं। इन दोनों वृक्षों के श्री दर्शन करके खुद को धन्य पाते हैं।। श्री गीता धाम के विशाल प्रांगण में औषधियों के पौधे यहां वहां सभी जगह संरक्षित किए गए हैं। और इनसे औषधियों का पूर्ण भंडार प्राप्त होता है। हर प्रकार की बीमारियों के लिए यहां पर जड़ी बूटियों वाले पौधे सुरक्षित लगाए गए हैं। तुलसी की विभिन्न प्रजातियां यहां पर वृंदावन की याद दिलाती हैं। नाना प्रकार की तुलसी आज पूरे विश्व में अपनी दवाई रूपी रामबाण के लिए प्रख्यात हो चुकी है। कोरोनावायरस महामारी में तुलसी ने अपनी गुणवत्ता जग जाहिर की है। और लाखों करोड़ों लोगों के प्राण बचाने में सहायक हुई है।। गौशाला की ओर अमृतधारा और आमला, आम व केले के वृक्ष, पहाड़ी हल्दी, गूलर, कचनार और कई दर्जनों अलग-अलग प्रकार की जड़ी बूटियों के पौधे यहां पर लगाए गए हैं। गुरु की गोद में बैठकर कोई भी इंसान बीमार विक्षिप्त नहीं रह सकता है। गुरु के आशीष से उसका जीवन धन्य को प्राप्त होता हुआ मोक्ष पाता है। उसी तरह बीमार जीवन भी यहां जड़ी बूटियों के बीच रहकर स्वच्छ प्राणवायु लेता हुआ स्वस्थ हो जाता है। यहां विशाल गौशाला है। जहां गाय का दूध लस्सी दही माखन यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में हर समय वितरित किया जाता है। सुबह शाम यहां पर साधु समाज के सैकड़ों संतों के लिए जलपान और पूर्ण रूप से शाम का भोजन स्वादिष्ट व्यंजनों के रूप में वितरित किया जाता है। श्री गीता धाम की मौजूदा संचालिका गुरु महाराज गीतानंद जी महाराज की परम शिष्या माता सुदर्शन जी महाराज भिक्षु की देखरेख में धाम दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।। यहां पर वृद्ध आश्रम के साथ-साथ गौशाला और जड़ी बूटियों की विशाल वाटिका देखी जा सकती हैं। जो समाज को इन वर्गों की सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। गुरुदेव महाराज के अन्य परम शिष्य सरकारी सेवानिवृत्त अधिकारी पंडित राम कृष्ण शर्मा पंचकूला वाले भी यहां अपनी बहुमूल्य सेवाएं गुरु चरणों में समर्पित करते देखे जाते हैं। संत समाज की सेवा व गौशाला में अपने हाथों से गो धन की सेवा करने वाले पंडित शर्मा जी परोपकार राष्ट्रभक्ति और धर्म कर्म दान पुण्य के सदैव समर्पित होने के पाठ पढ़ाते रहते हैं।।।