इशारों पे औरों के बिकने वाला नहीं :- नीर

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चंडीगढ़:-25 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा:—मौजूदा प्रशासन और सरकार सहित व्यवस्थाओं पर अपनी तेज तरार सूरत से प्रहार करके जनता की मुश्किल आंतों को उभारने में अग्रणी कवि नवीन नीर की लिखी गई कविता सुधी पाठकों के लिए अल्फा न्यूज़ इंडिया की ओर से एक बार फिर प्रस्तुत है:—

सही नज़र से जो कोई परखने वाला नहीं

मैं भी इशारों पे

औरों के बिकने वाला नहीं

 

ख़ुदा के दर पे करूंगा मैं सौ दफा सज्दे

किसी भी हुक्मरां के आगे झुकने वाला नहीं

 

दिये में तेल के बदले जो हौसला भर दूं

किसी हवा के फिर आगे ये बुझने वाला नहीं

 

सफ़र ये तय मुझे लम्हों में सदियों का करना

मुझे न रोको कहीं पर मैं रूकने वाला नहीं

 

किताब- ए- ज़िन्दगी लिक्खी है खून से अपने

इसे ठहर के मगर कोई पढ़ने वाला नहीं

 

तेरे ग़मों के खज़ाने का तू ही वारिस है

कि इन ग़मों में कोई भी उतरने वाला नहीं  llll

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