कुरुक्षेत्र:- 24 दिसंबर:- आर के शर्मा विक्रमा/करण शर्मा:— कुरुक्षेत्र को भौतिक जीवन के संघर्ष का उम्दा ज्ञान माई उदाहरण माना जाता है!! यहां सृष्टि के रचयिता भगवान श्री कृष्ण जी ने भौतिक संसार रूपी अर्जुन को जीवन जीने की कला मोक्ष और जन्म मरण से रहित होने का गूढ़ रहस्य भागवत गीता के रूप में सुनाया था!! आज यही भागवत गीता जयंती पूरे विश्व में श्री गीता जयंती के नाम से हर साल दिसंबर में भव्य रुप से विशाल पटल पर आयोजित की जाती है!! इसमें दुनिया के अलग-अलग भागों से हजारों की संख्या में भागवत गीता के आस्थावान भाग लेते हैं। और कुरुक्षेत्र में स्थापित पौराणिक प्राचीनतम धर्म स्थानों मंदिरों और तालाबों सरोवर आदि का दर्शन करते हैं।। इस बार भी गीता जयंती कोरोनावायरस महामारी के कारण बड़े स्तर पर तो नहीं, लेकिन फिर भी यथावत मनाई जा रही है। और इसी उपलक्ष्य में भगवान कृष्ण संग्रहालय के बिल्कुल सामने “जयश्री रोड” पर स्थित श्री गीता धाम में भी गीता जयंती के समागम आयोजित किए जाने की विधिवत घोषणा स्थानीय संचालिका माता महाराज सुदर्शन जी भिक्षु ने किए हैं!! उक्त समागम के विशेष आयोजक आस्थावान और ब्रह्मलीन महाराज श्री गीतानंद जी महाराज के अनन्या शिष्य पंडित रामकृष्ण शर्मा जी और माता लक्ष्मी देवी ने संयुक्त रूप से बताया है कि गीता जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समागमा पूजा आदि का अब फेसबुक पर लाइव पेज के माध्यम से पावन दर्शन और श्रवण किया जा सकता है।। इस संदर्भ में विशेष फेसबुक पेज का लिंक भी प्रेषित किया जा रहा है।।
[24/12, 7:59 PM] RksVIKramaALPHAnewsINDIA: https://www.facebook.com/1706527432902243/videos/782388465684585/ श्री गीता महायज्ञ और श्री गीता जयंती महोत्सव की समस्त भौतिक प्राणी जगत को हार्दिक शुभकामनाएं फलीभूत हो।।
श्री भागवत गीता में जीवन के प्रत्येक पहलू को बिल्कुल गहनता से गंभीरता पूर्वक खंगाला गया है। और एक एक जिज्ञासा भरे प्रश्नों का सारगर्भित जवाब उपलब्ध करवाया गया है। यह महान भागवत गीता ही है, जो हमें हमारे पारिवारिक, सामाजिक व धार्मिक और राजनीतिक जीवन के साथ-साथ हमें अध्यात्मिकता की परिपाटी से भी रूबरू करवाती है, यह धर्म संगत विचार श्री गीता धाम कुरूक्षेत्र की मौजूदा संचालिका माता श्री दर्शन जी महाराज भिक्षु ने सांझे किए हैं इस मौके पर कुरुक्षेत्र क्रांति समाचार पत्र के मुख्य संपादक और स्वामी डी०आर० भटनागर भी उपस्थित रहे।।
वृंदावन स्थित श्री गीता आश्रम के संचालक और ब्रह्मलीन श्री गीतानंद जी महाराज भिक्षु जी के परम स्नेही शिष्य पूज्य स्वामी डॉक्टर दिव्यानंद जी महाराज भिक्षु देश के कोने कोने से पधारे पूज्य श्री महाराज जी के श्री चरणों से आस्था वृद्ध रखने वाले सैकड़ों श्रद्धालु भक्तों को श्री गीता धाम परिसर में तीन दिवसीय महायज्ञ के प्रथम दिवस के समापन श्री भागवत गीता की महत्वपूर्ण मर्म भरे जानकारी उपलब्ध करवाई।। विद्या जाता है कि स्थानीय श्री गीता धाम परिसर क्षेत्र में धार्मिक अनुष्ठान 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस महायज्ञ में श्री गीता जी के छह अध्यायों का प्रतिदिन (कुल 18 अध्यायों का तीन दिनों में) उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को पूज्य स्वामी डॉक्टर दिव्यानंद जी महाराज कथा वृंदावन आश्रम के व्यवस्थापक प्रभारी स्वामी अवशेषानंद जी महाराज द्वारा भाव पूर्वक पाठ करवाया जाता है।। श्री गीता के विद्वान आचार्य जी श्री गीता धाम के वर्तमान व्यवस्था प्रभारी पूज्य श्री स्वामी सुदर्शन जी महाराज एवं अन्य उपस्थित विद्वान ब्राह्मणों द्वारा श्री गीता जी के श्लोकों का भाव पूर्वक पाठ करवाया जाता है।। और इस दौरान धर्म चर्चा, गीता के मर्म पर विचार विमर्श और भजन-कीर्तन आदि की प्रस्तुति धार्मिक समागम की शोभा में चार चांद लगा रही है।तीन दिन चलने वाले इस धर्म कर्म कार्यक्रम में प्रतिदिन सवेरे 9:00 बजे से 10:00 बजे तक श्री सदगुरुदेव पादुका पूजन, प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक बाद दोपहर तक श्री गीता महायज्ञ तथा भंडारे के प्रसाद वितरण का समय दोपहर 1:00 बजे सुनिश्चित के तहत आस्थावानों का जमावड़ा देखते ही बनता है। ब्रह्मसरोवर पर 2100 दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे।।
माता सुदर्शन जी महाराज भिक्षु ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दिवस को श्री गीता कुटीर तपोवन से विशेष आमंत्रित विद्वानों द्वारा समस्त देवी देवताओं का विधिपूर्वक पूजन अर्चना संपन्न हुई। मुख्य यजमान के रूप में पूज्य श्री महाराज जी के परम स्नेही शिष्य पंचकूला से विशेष रूप से आमंत्रित रामकृष्ण शर्मा जाने-माने कर्मठ और सही अर्थों में समाजसेवी भी हैं और श्री गुरु चरणों से अटूट विश्वास से जुड़े हुए हैं और श्री गुरु महाराज के चरणों की धूलिकण देशराज भटनागर, समाचार पत्र के स्वामी और संपादक सहित विकास मित्तल और अनेकों गणमान्य आस्थावानों ने इस समागम को संपन्न करवाने का बीड़ा उठाया हुआ है। वृंदावन से पधारे स्वामी डॉक्टर अवशेषानंद जी महाराज ने बताया कि श्रीमद् भागवत गीता की प्रगट स्थली कुरुक्षेत्र में श्री गीता जयंती जी का श्रीआरंभ सद्गुरु श्री स्वामी गीतानंद महाराज भिक्षु जी ने और सद्गुरु कृपा पात्रा श्री पूज्या स्वामी जय श्री महाराज भिक्षु के पावन प्रयासों व सानिंध्या में ही शुरू हुआ था। जो आज अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती समागम का रूप अख्तियार कर चुका है। और पिछले वर्ष गीता जयंती समागम में कई लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से कुरुक्षेत्र में जुटे थे।।।।