चंडीगढ़:- 11 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा प्रस्तुति:—- जैसे-जैसे आधुनिकता की दौड़ का प्रभाव हमारे दैनिक जीवन पर और क्रियाकलापों पर पड़ और बढ़ रहा है। उसी तेजी से इन के साइड इफेक्ट्स भी हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। हमारी पिछली पीढ़ी यानी हमारे बाप दादा की पीढ़ी अपनी बेहतरीन और सटीक याददाश्त के लिए भी जानी जाती है। सुडौल देह धारी निरोग काया और नेत्र शक्ति, चलने फिरने व काम करने की क्षमता सबको आज भी प्रभावित करती है। लेकिन हमारी अपनी पीढ़ी सुख सुविधाओं के साधनों के आगे हर तरफ से अपाहिज हो रही है। सबसे पहला उदाहरण यह कि मोबाइल क्रांति ने हमारी याददाश्त को गहरे ठेस पहुंचाई है। आज हमें कब, किसको, क्या कहना है व यह सब कुछ मोबाइल के सहारे छोड़ रखा है। यानी अब हमारी याददाश्त जो कभी हीरो थी, आज जीरो है।।
पहले लोगों को अनेकों साल पुरानी बातें, कहानियां, प्रसंग व लोक कथाएं आदि कंठस्थ होती थीं। लेकिन आज इन सब से हमारा दिमाग कोरा है। और यह सब आईटी की बढ़ती धाक ने कर रखा है। आज हम एक दूसरों के, खासकर घर के सदस्यों के भी मोबाइल के नंबर स्मरण नहीं रहते हैं। उनके लिए भी हम मोबाइल पर ही निर्भर करते हैं। तो ऐसे में हिमाचल महासभा चंडीगढ़ के पदाधिकारी कश्मीर चंद वर्मा ने अल्फा न्यूज़ इंडिया के सुधि पाठकों के लिए एक पोस्ट फॉरवर्ड की है। जो आप सभी के बहुत फायदेमंद और काम आने वाली कलेक्टिव मैटर है। और अगर आपको अपनी सुविधा का साधन लगे, तो इस मैटर को आगे से आगे शेयर करें। और विभिन्न माध्यमों द्वारा ईमेल, व्हाट्सएप, फेसबुक व इंस्टाग्राम के माध्यम से फॉरवर्ड करते रहें।