अमरीक सुखदेव चखा रहा किसानों को मक्खन, चाय और परांठा

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चंडीगढ़/ मुरथल:- 06 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा /एनके धीमान:– सरकार द्वारा किसानों के हित के नाम पर बनाए गए कथित 3 किसान विरोधी बिलों को लेकर पूरे देश का किसान-समाज उबला पड़ा हुआ है! भारी आक्रोश क्षोभ के चलते किसान सड़कों पर रोष, प्रदर्शन व धरने और रैलियां और आवागमन के तमाम बड़े रास्तों पर जमावड़ा जमाए बैठे हुए हैं। किसानों ने इस अभियान को कई महीनों तक चलाए रखने के तमाम इंतजाम सरकार से भी कहीं अधिक बखूबी कर रखे हैं। हर रोज कई लाखों किसानों को स्वादिष्ट और फाइव स्टार होटलों से भी कहीं महंगा देसी घी का खाना खिलाया जा रहा है। और सभी को कड़ाके की सर्दी में पेट भर बदामों का नाश्ता करवाया जा रहा है। तो कहीं चाय के साथ मक्खन और पराठा निशुल्क हजारों किसानों को नाश्ते में खिलाया जाना अबाध रूप से जारी है। जी हां, मुरथल क्षेत्र में सरदारों का दो भाइयों का नामी ढाबा अमरीक सुखदेव हर रोज सवेरे हजारों किसानों को बिल्कुल मुफ्त में मक्खन और चाय के साथ पराठा खिला रहा है। यह सेवा अवैध रूप से जारी है। अमरीक सुखदेव के मुताबिक जब तक वाहेगुरु जी चाहेंगे तब तक यह अटूट लंगर बरताया जाएगा। और किसी भी पेट भरने वाले धरतीपुत्र से कोई भी चार्ज नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ धरना स्थलों का मुआयना करने पर पता चला है कि धरतीपुत्र सड़कों पर भी दानवीर बना हुआ आने जाने वाले हजारों लोगों का हर रोज पेट भर रहा है। ऐसा कर पाना सरकार भले ही वह हरियाणा सरकार हो या केंद्र में भाजपा सरकार हो, इनके बलबूते की कहीं भी यह बात संभव नहीं है। पूरा देश किसानों के साथ आ खड़ा हुआ है। खासकर हर दलगत भावना से ऊपर उठकर युवा समाज सोशल नेटवर्किंग के जरिए किसान आंदोलन का हितैषी और हिमायती बना हुआ है। यही नहीं, सात समुंदर पार केनेडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो किसानों के खुलकर पक्ष में आ खड़े हुए हैं। वह किसानों के उक्त अभियान को उनके अधिकार की संज्ञा से नवाजते हुए कहते हैं कि सरकार को हिंसा का रास्ता छोड़कर प्यार भाव से आमने-सामने बैठकर समस्या को सुलझाना चाहिए।

बता दें कि पिछले दिनों सरकार की ओर से किसानों पर कड़ाके की सर्दी में वाटर कैनन से ठंडे पानी की तेज बौछारें डाली गईं। अनेकों किसानों को जख्मी हालत में भी देखा गया है। और पुलिस ने बर्बरता से किसानों पर खूब लाठीचार्ज किया। मजेदार बात यह रही कि दिन भर जो पुलिस वाले किसानों यानि धरतीपुत्र पर लाठीचार्ज करते रहे। वही सभी इन्हीं किसान पुत्रों के लगाए गए लंगरों में दिनभर की भूख मिटाते हुए, खुलकर लंगर प्रसादा छक्कते देखे गए। पूरी दुनिया ने धरती पुत्र किसान की इस दरियादिली का खुलकर समर्थन किया। और सराहना भी की। और इससे बाकी देशों के लिए प्रेरणा स्रोत भी कहा है।।

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