बिस्तर से जागने से पहले स्वयं को मानसिक और शारीरिक स्तर पर जगाएं

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चंडीगढ़:– 30 नवंबर:–आरके विक्रमा शर्मा:—अपनी दिन  भर की रूटीन शुरू करने से पहले आपको नींद के बाद बिस्तर छोड़ने की एक बढ़िया कला से वाकिफ होना जरूरी है। आप जिस प्रकार से जिस सोच, और पाज़ीटिव एनर्जी सहित और जिस लय में बिस्तर जागते हैं और अच्छे विचारों से अपने दिन की शुरुआत करते हैं वही आपकी सफलता स्फूर्ति और संयम का सबब बनते हैं। ‌जब भी आप अच्छी नींद के बाद अपना बिस्तर छोड़ते हैं वह कला एक सधी हुई और मंजी हुई होनी चाहिए। ताकि आपका सारा दिन हंसी खुशी और पॉजिटिव थॉट्स के साथ एनर्जी लिए बीते।। आप अपने दिमाग में उठने का  सकारात्मक विचार पैदा करें।। और फिर अपने शरीर को थोड़ा सा हरकत में लाएं। और तुरंत दिमाग में अपने आप को किसी भी परम शक्ति का चित्रण करें। अपने-अपने धर्म, मतानुसार  कर सकते हैं। उस परम शक्ति का दिमाग में अक्श बनते ही, अपने दोनों हाथों की हथेलियों को खूब अच्छे से घर्षण करें। और फिर दोनों हाथों को एक पूर्ण अंजलि का स्वरूप देते हुए अपनी आंखें खोलते हुए उस परम शक्ति का स्वरूप निहारें। और जो भी आप उसकी स्तुति में उचारणा चाहते हैं। आज आपके एक बार फिर जीवित होने पर उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए ।।हथेलियों को घर्षण करते हुए जब वहाँ उत्पन्न हुई योग ऊर्जा को तुरंत दोनों आंखों पर लग जाता है! अपने अंदर जागने की एक विशेष और सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है! ऐसा आप जैसा चाहे 4-5 बार दोहरा सकते हैं! और फिर यदि आप बाईं करवट या सीधी लेटे हैं तो यहाँ आप  अपने स्वास्थ्य अर्थात शारीरिक मनोदशा के अनुसार रात का भरा हुआ जल का पात्र भी खाली कर सकते हैं। आप जितना पानी अच्छे से पी सकते हैं, पी लें। और कोशिश करते रहें कि आप जल पीने की मात्रा में वृद्धि कर रहे हैं और दिन चर्या  का पहला चरण मल मूत्र त्यागने का ही विशेष है। तो मल मूत्र त्यागने से पहले शरीर में पानी डालें। यानी खाली पेट मल मुत्तर त्यागने का विचार सदन के लिए छोड़ ही दें। यह आपको कई तरह की बीमारी और व्याधियों से मुक्ति दिलाएगा और आपको शरीर की इस आवश्यक और पहली क्रिया को करने में सहजता प्रदान करेगा।

सीनियर सिटीजन और धर्म में अथाह विश्वासी पंडित रामकृष्ण शर्मा तकरीबन 75 वर्ष से भी बड़ी आयु में पूरी तरह से ऊर्जावान और सकारात्मक सोच का भंडार के लिए हैं उनकी दिनचर्या सुबह बड़े सवेरे लगभग 4:00 बजे उठने लगे – शुरू होने के बाद रात्रि ठीक 10 : 00 बजे से पहले शयन ने कहा तक होता है। उन्हीं के अनुसार पहले कदम ही हमारे काम की सफलता और उसको सरल ढंग से संपूर्ण करने का संकेत होता है। किसी भी कार्य के लिए घर से निकलने के लिए हमेशा दाएं पांव को घर की दहलीज से बाहर रखना चाहिए और यह कदम तेजी से उठाने चाहिएं ना कि आलस्य भरे ।। किसी भी कार्य के लिए समर्पित भाव और उसके लिए तेजी से आगे बढ़ने की ललक ही उसको सही सकारात्मक सफलता देती है:

 

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