अनुभव तुम्हारे सच पूछो तो काम आएंगे अब हमारे

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चंडीगढ़: 28 नवंबर: आरके विक्रम शर्मा: — डा। किरण पांचाल की कविता जिसे अभी आप भी पढिए, आनन्द लीजिये, अनुभव करें और आगे भेजिए ताकि कोई और भी इस महत्वपूर्ण संवेदनशील विषय पर अपनी मनोदशा के हिसाब से आप सब के साथ अपने अनुभव विचार और परिकल्पना को सांझा कर अल्फ़ा न्यूज़ इंडिया डेस्क आप जब तक इस तरह की ज्ञानवर्धक और मारक प्रदर्शन करने वाली पठनीय सामग्री प्रस्तुत करने में अपनी भूमिका कायम रहेगी, यह हमारे सुधी लेखों से दिल से वादा भी है और एक दावा भी है।

 

ठा मैं रूठा,

      आप भी रूठ गए,

      फिर मनाएगा कौन? 🥀

 

🥀 आज का समय है,

      कल अंतराल होगा,

      फिर बगागा कौन? 🥀

 

🥀 मैं चुप रहा,

     तुम भी चुप हो,

     यह सिल्पी को

     फिर तोडेगा कौन? गा

 

🥀 छोटी बात, 

      लोगे दिल से,

      तो फिर से संबंध 

      कौन खेलेगा? 🥀

 

🥀 दुखी मैं भी 

      और तुम भी झड़कर,

      फिर से हाथ लगता है 

      कौन उठाएगा? 🥀

 

राजी न IJ

     न तुम गांधी,

     फिर माफ़ करने का

     बड़प्पन दिखाएगा कौन? एगा

 

🥀 डूब जाएगा,

      मेमों में कभी दिल,

      तो फिर से 

      बंधायोरे कौन? 🥀

 

🥀 एक अहम् मेरे,

      एक तेरा भी,

      इस अहम् को 

      फिर दुबला होगा कौन? 🥀

 

🥀 सजीव जीवन 

       मिला है सदा के लिए?

       फिर इन लकीरों को अकेले में

       कौन रहेगा? 🥀

 

🥀 मूंद ली दोनों में से, 

      गर किसी दिन एक ने सोचा,

      तो कल फिर यह बात

      पछतायेगा कौन? कौन

 

साभार व्हाट्सएप यूजर अमरनाथ देओल हिमाचल प्रदेश ।।

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