कुरुक्षेत्र:-21 नवंबर आर के शर्मा विक्रमा :– श्रीमद् भागवत गीता के रचयिता और दोस्तों को अपने हाथों सहार करके मोक्ष देने वाले महाभारत के महान दृष्टा भगवान श्री कृष्ण ने गीता का अजर अमर सूर्य को भी प्रकाश देने वाला ज्ञान कुरुक्षेत्र की धरती पर मानस मंडल के प्रतिबिंब अर्जुन के माध्यम से स्थापित किया था। इसी धरती पर ब्रह्मलीन गुरु देव 1008 गीतानंद जी भिक्षु महाराज ने गीता धाम और हरिद्वार में गीता कुटीर सहित वृंदावन में गीता आश्रम की स्थापना की थी। भगवान श्री कृष्ण जी गांव के रखवारे, चरवाहे और अनन्या पूजक कहे जाते हैं। इसी तरह गीतानंद भिक्षु गुरुदेव जी ने इन कर्म और धर्म का प्रचार करने वाले धाम व कुटीर सहित आश्रम में गोधन की सेवा और सरंक्षण की प्रथा शुरू की थी। जो यथावत जारी है। आज भी यहां गौ समाज की सेवा देखभाल देखते ही बनती है।
कुरुक्षेत्र में श्री गीता धाम में कल सुबह 22 तारीख को गोपाष्टमी के उपलक्ष में श्री गीता धाम में गौ पूजन किया जाएगा। शाम 3:00 से 6:00 सुंदरकांड का पाठ पश्चात भोजन प्रसाद वितरण किया जाएगा।
इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री गीता धाम की अन्न कूट क्षेत्र की प्रबंधिका दीदी कुसुम जी ने कहा कि श्री गीता धाम में रविवार 22 नवंबर को गोधन व गायों का श्रद्धा आस्था के साथ पूजन किया जाएगा और ताजा स्वच्छ हरचरण ही खिलाया जाएगा तत्पश्चात आज दोपहर 3:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक सुंदरकांड का भव्य पाठ पठन आयोजन किया जाएगा तत्पश्चात तमाम उपस्थिति को भोजन प्रसादी का वितरण किया जाएगा।। यह सब कार्य संचालिका माता सुदर्शन जी भिक्षु महाराज की देखरेख में संपन्न होगा। उक्त आयोजन में देश की अन्य प्रांतों से भी गुरु महाराज जी के शिष्य परिवार अपने अपने स्थान पर गोपाष्टमी के मौके पर भोजन की पूजा आदि करके परोक्ष रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे।।