चंडीगढ़ 11 नवंबर आरके विक्रमा / एनके धीमान:– सर्दी के बढ़ते प्रभाव और कोरोनावायरस जैसी महामारी को धत्ता दिखाते हुए सोहनी सिटी में दीपावली के आयोजन को लेकर भारी उत्साह उमंग हर्षोल्लास देखते ही बनता है। हर मार्केट में संपदा विभाग व नगर निगम आदि ने व्यवस्थाओं का अंबार लगा रखा है। नगर निगम ने तो कोविड-19 की मार झेलने वाले तमाम दुकानदारों और लघु उद्योगकारों की अर्थ कमर सीधी करने के लिए रियायत रेट्स पर प्रतिदिन के हिसाब से जगह अलाट की है। और सब को मौका दिया है कि वह अपनी अपनी अर्थ दशा सुधारें। अपने हाथ के हुनर का बना हुआ सामान बनाकर भेजें या बना हुआ भी स्वदेशी सामान बेचें। और स्वदेशीपन का जो नारा देश के प्रधानमंत्री ने दिया है उसको पुरजोर उत्साह से स्थापित करें।।
सेक्टर 44 डी के बूथ नंबर 346 स्टेलयन सिस्टम्स इंडिया इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की सजी स्टॉल पर ग्राहकों की भीड़ अपने आप में इस दुकान पर किफायती और क्वालिटी दोनों के संगम की कहानी कह रहा है। मालिक राजेश कुमार कांडे के मुताबिक कोविड-19 के बाद से पूरी तरह से स्वदेशीपन का नारा बुलंद करते हुए चाइनीस सामान को ओके टाटा बाय बाय कह दिया है। हालांकि उन्होंने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि पुराना स्टोर किया हुआ पिछले साल का सामान भी किफायती रेट पर बेचा जा रहा है। ताकि चाइनीस प्रोडक्ट पूरी तरह से खत्म हो जाए। और स्वदेशी सामान की बिक्री पुरजोर से की जाए।।
यहीं, अदिति कलाकृति व क्राफ्टी ट्रेजर की प्रोफेशनल आर्टिस्ट मोनिका शर्मा आभा जो कि राजेश कुमार कांडे की ही छोटी बहन है, ने अपना हेंड मेड आर्टिकल आदि अदिति कलाकृति हब आफ हॉबीज एंड हैंडीक्राफ्ट्स और क्राफ्ट ट्रेजर जो चंडीगढ़ मेलों और नामचीन प्रदर्शनियों की शानो शौकत कहा जाता रहा है, सजाया है।। हाथ की बनी हुईं मोमबत्तियां, बंदनवार,ड्रीम कैचर, श्री गणेश जी की 18 नामों की विभिन्न पट्टिकाऐं, शुभ लाभ और शराब मिनरल वाटर की बेकार बोतलों पर अपने हुनरमंदी का कलात्मक ढंग से यूटिलाइज करते हुए डेकोरेटिव पीस में तब्दील किया है।
यहां यह बताते चलें कि अदिति कलाकृति हब आफ हॉबीज ने वर्ष 2001 में आर्ट एंड क्राफ्ट के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा था और अपाहिज गरीब असहाय दीन हीन घर परिवार के ठोकर आई हुई लड़कियों सहित बार वीडियोस सैनिकों की विधवाओं को भी निशुल्क प्रशिक्षण देने की पहल करके नारी को नारी शक्ति का पर्याय बनना सिखाना शुरू किया था। आज देश में ही नहीं विदेशों में भी उनकी प्रशिक्षित की गई युवतियां अपनी रोजी-रोटी स्वयं कमा रही हैं। और अपने परिवारों का भी शानदार ढंग से पालन कर रही हैं। कॉलोनियों व बस्तियों में भी अदिति कलाकृति की संचालिका मोनिका शर्मा विभिन्न अवसरों पर एकल रूप से अपनी वर्कशॉप आयोजित करती हैं। गरीब, लाचार-अपाहिज बच्चियों को हुनरमंद बनाती हैं। और उनके बनाए हुए सामान को ही मेले, उत्सवों व प्रदर्शनियों में प्रदर्शित करके लोगों को उनके हुनरमंदी से वाकिफ करवाती हैं।