चंडीगढ़ 24 अक्टूबर आरके विक्रम शर्मा: —- सोहनी सिटी चंडीगढ़ में आजकल शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष्य में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र जी के जीवन पर वाल्मीकिग्र रामायण का मंचन बड़े उत्साह के साथ प्रसन्नता के साथ हो रहा है। हालांकि प्रशासन ने बहुत ही कंजूसी के साथ रामलीलाओं के मंचन की परमिशन दी है। लेकिन भगवान के आस्थावनों में अभी भी निराशूसी का आलम है क्योंकि सभी लोग अपने क्षेत्र से दूर के सेक्टरों व गांवों में मंचन होने वाली रामलीलाओं का आनंद नहीं उठा पा रहे हैं।
बड़ी हैरत की बात है कि 19 रामलीला में भगवान श्री राम का 19 कलाकारों द्वारा रोल अभिनीत किया जा रहा है। और उतनी ही सीतों का भी विभिन्न पात्रों द्वारा रोल अदा हो रहा है। यह नहीं कि एकमुश्त कहा जाए तो 19 राम की 19 सीताओं का 19 रामलीलाओं में 19 रावणों द्वारा अपहरण का मंच बना हुआ है। लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण भौतिक पर्यावरण और सामाजिक जीवन सहित परिवारिक सदस्यों की समूलता को मध्य दृष्टिकोण रखते हुए रामलीलाओं को देखने वालों की संख्या 200 से अधिक मुकर्रर नहीं की गई है। भगवान के चाहने वालों में रोश और क्षोभ व्याप्त है। लेकिन एक अनजान वायरस के खतरे को भांपते हुए प्रशासन की ओर से यह प्रबंधित लाजमी हैं। और शाबाशी की बात है कि शहर वासियों ने इस आदेश को चुनौती देने के लिए बड़ी संजीदगी के साथ निवारणाने के अपनी शपथ ली है .. इसी के मद्देनजर इस बार सिर्फ 19 जगह रामलीला का मंचन हो रहा है। धीरे धीरे भारी आक्रोश का सामना करते हुए प्रशासन ने रावण विभाजन की अनुमति दी है लेटलतीफी में दी है। जिस कारण से रावण कुंभकरण मेघनाथ के पुतलों का कम समय में बनाया जाना असंभव है। और इस बार पूरे चंडीगढ़ शहर में कोई भी रावण विभाजन नहीं होगा ।हिंदु धर्म के आस्थावनों में इस मनमर्ज़ीपन हठधर्मिता की भारी दिमाग से शिकायत है कि सरकार के फैसले को समझ से परे हैं।
यह 19 राम देशवासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और 19 सीट आओ बेवस बालिकाओं का और आज के रावण हाथरस के बलात्कारी बलरामपुर के बलात्कारी होशियारपुर के बलात्कारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं स्क्रीन के कथानों के मंचन सरेआम खुलेआम यहां सरकार की मिली-जुली दुहाई है। कथित रूप से देखा जा रहा है। सरकार की ढिलाई ही इन वारदातों में इजाफा होने का सबब बनती हैं। और कानून की कछुआ चाल ही दुराचारियों के हौसले बुलंद रखे हुए हैं ।। लेकिन अभी तक एक भी बलात्कारियों की चोरी रूपी रावण का विभाजन नहीं हुआ है ।। यह शीर्षक बहुत गहराई से समझने और फिर उस पर एक्शन लेने की मांग है। यह कम शब्द पूरे देश की दयनीय दशा, कानून, वर्दी की असहाय जनता सहित दोगली मीडिया की तस्वीर प्रस्तुत कर रहा है ।.