चंडीगढ़ ; 19 अक्टूबर ; आरके शर्मा विक्रमा ; भारत में तकरीबन पांच दशक पूर्व कोई रेल हादसा हुआ था कई मौतें हुईं और अनेकों जख्मी हुए थे इस सब की नैतिक जिम्मेवारी तात्कालीन रेलवे मंत्री ने खुद पर लेते हुए तुरंत अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था ! वो जमाने लद चुके हैं और अब तो कुर्सी से चिपके लोगों के सेवा के नाम पर बिजनेस भरी राजनीती के दिन पुरयौवनता पर हैं ! इसी हफ्ते बुधवार को रायबरेली में हुए रेल हादसे में तकरीबन एक दर्जन लोगों की आकस्मिक मौत होने के समाचार ने भय और रेलवे के प्रति घोर लापरवाही की बात घर कर गई थी ! अनेकों रेलयात्री बेवक़्त बेकसूर मौत का शिकार बने और दर्जनों गंभीर रूप से घायल हुए ! अभी ये दर्द थमा भी नहीं था कि पंजाब में अमृतसर गोल्डन टेम्पल हरिमंदिर /दरवार साहब की धरती पर रेल हादसा हुआ और कई दर्जनों जानें मौत का ग्रास बनीं ! कई दर्जनों गंभीर रूप से जख्मी हुए ! जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ ! पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री तुरंत घायलों के इलाज की मुफ्त व्यवस्था किये जाने की घोषणा की ! और खुद का विदेशी दौरा रद्द करके शनिवार को खुद घटनास्थल के लिए रवाना होने की पुष्टि की ! और दिल्ली से ही बैठे बैठे तुरंत मृतकों को 5–5 लाख रूपये की राशि देने की घोषणा भी की ! घायलों का सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज करवाए जाने की घोषणा भी की ! हादसे में कितने लोग मरे ये आंकड़ा आना बाकि है ! कितने जख्मी जिंदगी और मौत की जंग जीतेंगे बोलना लिखना मुशिकल है !
दोनों रेल हादसों के होने के पीछे बजह क्या रही होगी कोई भी नहीं जानता ! जानेगा भी कैसे सबको मालूम ही है इस देश का दण्ड का डंडा ही घुन लगा हुआ है ! रायबरेली में रेल हादसे के मृतकों और घायलों को जरूर हताशा और निराशा हाथ लगी होगी क्योंकि खबर लिखे जाने तक उनकी किसी प्रकार की आर्थिक मदद दिए संबंधी कोई घोषणा रेलवे मंत्रालय और उत्तरप्रदेश सरकार यानि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने नहीं की! नहीं घटना स्थल की सम्मत कदम बढ़ाया !