चंडीगढ़:- 26 जुलाई:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क:- चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार आई ए एस अधिकारी मनोज परीदा ने शहरवासियों से पुरजोर अपील की है कि वह सड़कों पर लाइट प्वाइंट पर भीख मांगने वाले बच्चों को और तो बुजुर्गों किसी को भी भीख ना दें उन्होंने यह भी कहा कि भीख मांगना अपराध नहीं है। लेकिन फिर इनको भीख क्यों न दी जाए। इसके लिए मनोज परीदा ने कहा कि हो सकता है की यह भिखारी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं पॉजिटिव होने कि इनकी कोई पहचान सामने नहीं होगी और हमारी दया भावना से हम एक बहुत बड़ा रिस्क उठा लेंगे इससे बेहतर है कि इनसे दूरी ही बनाए रखें और इन को किसी भी तरह की भीख ना दी जाए यह अपील उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर की है और इसको अनेकों तरह के नकारात्मक सकारात्मक भाग से शहर की जनता देख रही है यह दीगर बात यह है कि सिटी ब्यूटीफुल जो कि एजुकेटेड सिटी के नाते भी जानी जाती है, के बारे में जगजाहिर किया गया था कि चंडीगढ़ पूर्णतया भिखारी रहित सिटी है। ब्यूटीफुल ग्रीन सिटी है। और इसी को एक घटना पुख्ता करती कि सेक्टर 36 के पुलिस स्टेशन में कुछेक सालों पूर्व शंकर मेहता नाम के भिखारी को पकड़ करके लाया गया था। शंकर मेहता मध्य प्रदेश का रहने वाला है। और साल के कुछ महीने चंडीगढ़ और बाकी महीने खासकर गर्मियों में शिमला में भीख मांग कर जीवन यापन करता है। लेकिन खास बात अखबारों में यह आई थी कि शंकर मेहता एक अमीर भिखारी है। जो आलीशान और महंगे होटलों में शाम में व्यतीत करता देखा जाता रहा है। यही नहीं, अटावा के अच्छे खासे होटल में नियमित रूप से कमरा ले रखा था। जिसमें खाना बनाने आदि का सामान के साथ महंगी शराब की बोतलें भी बरामद हुई थी। चंडीगढ़ की 4 नंबर कॉलोनी में अनेकों भिखारियों के नियमित घर बने हुए हैं। जहां इनके आलीशान जीवन यापन की तस्वीर कभी भी देखी जा सकती है। चंडीगढ़ को सरकारी भाषणों, दावों और वादों के मुताबिक बैगर फ्री सिटी ही माना जाता है। लेकिन आज प्रशासक के सलाहकार की उक्त अपील ने पूरी तरह से तस्वीर स्पष्ट करती है कि चंडीगढ़ बैगर फ्री सिटी नहीं है। यहां हर चौक चौराहे पर भिखारियों की अच्छी खासी भीड़ लोगों से भीख मांगते देखे जाती है। और भीख ना मिलने पर उनसे गाली गलौच, लड़ते झगड़ते भी आम देखी जाती है। यह भी कहा जाता है कि इन भिखारियों के पीछे कुछ अच्छे खासे डॉन काम करते हैं। यह डॉन ऊपर तक हफ्ता वसूली भी पहुंचाने जाते हैं। यह ऊपर तक किस की ओर इशारा है। यह जगजाहिर है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते इन भिखारियों को कुछ समय के लिए सरकार अलग से बसाए और इनके खान-पान का, रहन-सहन का पर्याप्त प्रबंध सरकारी खजाने से करें। और शहर वासियों को और इन लोगों को भी कोरोनावायरस की जानलेवा मार से बचाए।।
अल्फा न्यूज़ इंडिया चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार मनोज परीदा सीनियर आईएएस अधिकारी की इस अपील को जनता से अक्षरत मानने की गुजारिश करती है और यह इन भिखारियों सहित इनके परिवारों और इन के दायरे में आने वाले दयावान दानवीर ओ के जीवन को भी खतरे में डाल सकती है इसीलिए इनसे उचित दूरी बनाए रखें किसी तरह की दया भावना के तहत इनको अपने पास ना आने दे और ना ही किसी तरह की वस्तु या पैसे इनको देने की चेष्टा करें सावधानी में ही जिंदगी है और जिंदगी है तो सावधानी रखनी ही पड़ेगी।