सावन मास में भगवान शिव जी की नाम चर्चा मात्र से ही मिलती मुक्ति

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चंडीगढ़:19 जुलाई:- अल्फा न्यूज इंडिया धर्म डेस्क:– सावन मास भगवान शिव और मां पार्वती को अति प्रिय है क्योंकि इस मास में हर प्रकार की भक्ति प्रभु दर्शन भजन कीर्तन प्रभु चर्चा अनेकों पापा अपराधों से मुक्ति दिलाती है और आत्मिक शांति का बोध करवाती है सावन मास की महाशिवरात्रि इन सब धर्म-कर्म पुण्य का पर्याय है।। श्राद्ध, कृत्य कल्याणकारी, साथ ही पितृदोष का भी  निवारण सावन के स्नान, पितृ जल अर्पण और दान पुण्य के साथ ही मोक्ष प्रदान करने वाला है।।
ब्रह्म रुपी पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा से  मंगल मनोकामना पूर्ण होंगी।।
भगवान शिव, श्रीविष्णु तथा पीपल वृक्ष की पूजा से  खुशी सुख समृद्धि मिलती, कटेंगे कष्ट और मिटेंगे क्लेश हर सूरते हाल अंग संग रहेंगे ब्रह्मा विष्णु और महेश।।।।

भारतीय संस्कृति में हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक हर माह के तिथि पर्व का अपना विशेष महत्व है। प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि ‘हरियाली अमावस्या’ के नाम से जानी जाती है। श्रावण मास की अमावस्या तिथि के दिन भगवान् श्रीविष्णु की पूजा-अर्चना के साथ ही दुर्गा एवं हनुमान के दर्शन-पूजन एवं पीपल के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। आज के दिन शिवपूजा विशेष कल्याणकारी होती है। शिवजी का रुद्राभिषेक भी आज के दिन करवाना लाभकारी माना गया है। इस बार सोमवार के दिन अमावस्या होने से ‘सोमवती अमावस्या’ का भी अनुपम संयोग बना हुआ है, जो अत्यन्त शुभ फलदायी है।ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि रविवार, 19 जुलाई को अर्द्वरात्रि 12 बजकर 10 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन सोमवार, 20 जुलाई को रात्रि 11 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। सोमवार के दिन अमावस्या तिथि एवं पुनर्वसु नक्षत्र सम्पूर्ण दिन रहेगा। स्नान-दान-श्रद्धï की अमावस्या सोमवार, 20 जुलाई को मनाया जाएगा, जिन्हें पितृदोष हो, उन्हें आज के दिन विधि-विधानपूर्वक कर्मकाण्डी ब्राह्मïण से पितृदोष की शान्ति करवानी चाहिए।सोमवती अमावस्या पर पीपल वृक्ष की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। अमावस्या तिथि पर विधि-विधान पूर्वक पितरों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में भौतिक सुख-समृद्धि, खुशहाली का आगमन होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष व भगवान् विष्णु की पूजा-अर्चना के साथ पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने पर आरोग्य व सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्ति भगवान ब्रह्मा जी का स्मरण करते हुए पीपल के नीचे विधि विधान से भगवान ब्रह्मा जी का प्राण प्रतिष्ठा करके पूजा अर्चना और उनके निमित्त यज्ञ संपन्न करें। अवश्य घर में संतान रत्न की प्राप्ति होगी।

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