IPS बनकर वापस आऊंगी, मैं जिस खानदान से हूँ, मेरे खून में है देश सेवा: कर्तव्यनिष्ठ लेडी कॉन्स्टेबल सुनीता यादव

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चंडीगढ़: 18 जुलाई अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क: — कोविड -19 अधिसूचना के तहत किये प्रबंधों की धज्जियां उड़ा रहे  युवक ने मंत्री पिता की धौंस में लताड़ा जब सुनीता यादव लेडी कांस्टेबल को, तो अपनी ड्यूटी की पाबंदी  सुनीता यादव शेरनी की तरह दहाड़ कर कर बोली कि

“वर्दी तेरे बाप की दी हुई नहीं है” ..

गुजरात के मंत्री कुमार कानानी का बेटा बाप की धौंस में अपनी गाड़ी में रात के समय सड़कों पर घूमते हुए कोविड -19 के प्रतिबंधात्मक हुक्मों को तोड़ रहा था। रात के समय लेडी कॉन्स्टेबल ने मंत्री के बेटे को रोका। एक महज़ सी कॉन्स्टेबल के रोके जाने पर अहंकार के भिनभिना रहे को आघात पंहुचा।

मंत्री का बेटा लेडी कॉन्स्टेबल से बदतमीजी पर उतर आया। बाप के मंत्रिपद के नशे में लेडी कॉन्स्टेबल को 365 दिन वहाँ खड़े होने की सजा की बात करने लगा। लेडी कॉन्स्टेबल ने साफ बोल दिया कि, “वर्दी कानून की है, तुम्हारे बाप की दी हुई नहीं है” जिस पर कानूनन कार्यवाही की गई है।

आला अफसर  मंत्रीजी के कहने पर इस कॉन्स्टेबल को फोन पर हड़काने लगे। तो सुनीता यादव ने माफी मांगने से इनकार करते हुए इस्तीफा दे दिया। मामला दरअसल ये है कि रात के समय मंत्री कुमार कानानी का बेटा बाप की गाड़ी  में सड़कों पर घूमता हुआ कोविड विभाजित -19 के प्रतिबंधात्मक हुक्मों को तोड़ रहा था। कर्मनिष्ठ लेडी कॉन्स्टेबल ने उसे रोका, तो बदतमीजी पर उतर आया।

बाप के मंत्रिपद के नशे में लेडी कॉन्स्टेबल को 365 दिन वहाँ खड़े होने की सजा की बात करने लगा। लेकिन उस ने नेम प्लेट पर लिखित सरनेम पर गौर नहीं किया । उसके ऐसा कहने पर सुनीता यादव ने बोला कि सुन बे  बाप की बिगड़ी औलाद, ये वर्दी कानून की है, तुम्हारा बाप की दी हुई नहीं है, और रही बात 365 दिन खड़ा करने की। औकात तेरी तो क्या तेरा बाप की भी नहीं है, जिस पर कार्यवाही की गई … lll साभार अप्र .।।।

लेडी कांस्टेबल खाकी वर्दीधारी सुनीता यादव पर गुजरात पुलिस को ही नहीं, बल्कि देश की पुलिस और देशवासियों को गर्व है।। लेकिन शर्म और अफसोस का विषय है कि इस पूरे घटनाक्रम पर दोषी पर कानून की किन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है? क्या उस पर एक महिला पुलिस कर्मचारियों को धमकाने और उस को प्रताड़ित और अपमानित करने की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज होगा या नहीं?? यह अपने आप में ही शर्मसार कर देने वाला विषय है। लेकिन वर्दीधारी पुलिस को अपनी इस कर्तव्यनिष्ठ और निडर अनोखी रक्षक पर खूब अभिमान है। क्योंकि सुनीता यादव का कर्तव्यनिष्ठ होना, इसका स्वाभिमान है।।।

 

 

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