चंडीगढ़:- 8 जून:- आरके शर्मा विक्रमा/\ करण शर्मा:= जन्मदाता परमपिता परमेश्वर यूं तो हमारे दिमाग दिल व देह में विराजमान हैं। लेकिन नियम और अनुशासन को शाश्वत करने के लिए भगवान के पूजा अर्चना स्थलों की मंदिर के रूप में स्थापना की गई है। यह मंदिर के अंदर प्रवेश उतना ही पवित्र है जितना कि हम अपने मुख में रोटी का ग्रास शुद्ध और पवित्र और स्वच्छ रखते हैं। भगवान भाव से मिलते हैं। भाव से नहीं यानि धन दौलत के तोलमोल से नहीं। भगवान सबके लिए समानता लिए हुए हैं। बशर्ते भगवान को देखने, परखने व समझने की दृढ़ इच्छाशक्ति शुद्ध और सात्विक और सादगी भरी सत्यता से ओतप्रोत होनी चाहिए। यह धर्म वत विचार पंडित रामकृष्ण शर्मा जी ने कुरुक्षेत्र गीता धाम प्रवास के बाद पंचकूला लौटने पर धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा है कि मंदिर में सेवा भाव से ही निस्वार्थ रूप से और निर्लेप सेवा साधना समानता के आधार पर करनी चाहिए। सादगी और सत्यता ही सेवा का मूल है। अतः मंदिर में आदर्श नैतिकता और धर्म वत विचार लेकर ही मंदिर में प्रवेश करें। मंदिर की शुद्धता अपने अंतर्मन को शुद्ध करती है। इसीलिए मंदिर की पवित्रता के साथ कोई समझौता ना करें। नहीं तो यह खुद के साथ बहुत बड़ा धोखा साबित होता है।।
मंदिरों में दर्शन करते हुए कुछ लोग गलतियां कर देते हैं जिससे उनको पूजा का फल पूरा नहीं मिल पाता है। काशी के धर्मशास्त्र के जानकार पं. गणेश मिश्र ने बताया कि धर्मस्थल पर जाने और पूजा के कई नियम ग्रंथों में बताए गए है।।
*1. दूसरों से उचित दूरी* रखें और किसी के आगे न खड़े हों
मंदिर में दर्शन और प्रार्थना के लिए जाएं तो आसपास वाले लोगों से थोड़ी दूरी बनाकर रखनी चाहिए। मंदिर में दूसरों के स्पर्श से बचना चाहिए। ऐसा करने पर पूजा से आपका और दूसरों का ध्यान नहीं हटेगा। मंदिर में दर्शन के दौरान किसी के आगे नहीं खड़ा होना चाहिए। न ही किसी के आगे की तरफ से निकलना चाहिए। इसका दोष लगता है।
*2. फोटोग्राफी और मनोरंजन* से बचना
मंदिर में फोटोग्राफी और किसी भी तरह का मनोरंजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से धर्म स्थल की गरिमा और लोगों की श्रद्धा प्रभावित होती है। मानसिक शांति और अपनी गलतियों को सुधारने के लिए लोग मंदिरों में जाते हैं। इसलिए इन चीजों से बचना चाहिए।
*3. काले कपड़ों से बचना*
मंदिर सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होते हैं। जहां मानसिक शांति मिलती है। काला रंग नकारात्मकता पैदा करता है। इसलिए किसी भी मंदिर में जाते वक्त काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। मंदिर जाते समय सफेद, पीले और हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए। गहरे नीले रंग के कपड़ों से भी बचना चाहिए।
*4. तेज आवाज में बोलने* और हंसने से बचें
मंदिरों में भूल से भी आपस में हंसी-मजाक न करें। धर्म स्थल पर मन को एकाग्र रखना चाहिए। तेज आवाज में बोलना भी ठीक नहीं है। ऐसा करने से दूसरों का ध्यान पूजा से हट जाता है। जिससे दोष भी लगता है।
*5. उल्टी परिक्रमा न करें*
कुछ लोग अज्ञानता के कारण उल्टी परिक्रमा कर लेते हैं। हमेशा परिक्रमा उल्टे हाथ की तरफ से शुरू कर के सीधे हाथ की ओर खत्म करनी चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग की आधी परिक्रमा करनी चाहिए।
*6. बेल्ट पहनकर न जाएं*
मंदिर में कभी बेल्ट पहनकर या चमड़े की चीजें नहीं ले जाना चाहिए। चमड़े को अशुद्ध माना गया है। ऐसा करने से पाप लगता है।
*7. मूर्ति के सामने न खड़े रहें*
देवी-देवता की मूर्ति के सामने खड़ा होना गलत है। क्योंकि भगवान की मूर्ति से निकलने वाली तेज ऊर्जा मानव शरीर सहन नहीं कर पाता।
*साभार व्हाट्सएप यूजर।।।।