चंडीगढ़:- 3 जून :- आर के शर्मा/ एनके धीमान :— समूची दुनिया पूरी तरह से कोरोनावायरस जैसी जानलेवा वैश्विक महामारी के चुंगल में सुकून का सांस लेने के लिए छटपटा रहा है। और उसके बाद बे मौसमी झमाझम बरसात जीवन के आगे मुश्किलात पैदा कर रही है। और बाकी बची कसर भूकंप के झटके रह-रहकर भौतिक संसाधनों को भोगने वाली मानस सभ्यता को सजग सचेत हो जाने का इशारा कर रहे हैं।। किसानों की चीत्कार सुनें तो यह बरसात ना जाने क्या गुल खिलाएगी।। धरती का पुत्र पूरी तरह से सहमा सहमा और भविष्य में कोई अनहोनी के कल्पना मात्र से ही कांप रहा है।। अंधड़ तूफान कहीं पहाड़ों के सीने चीरता हुआ तबाही की नई दिल दहला देने वाली तवारीख लिख रहा है। पूर्वी भारत में अमफान और अब पश्चिमी भारत में निसर्ग तूफान ना जाने तबाही का कौन सा मंजर दिखाएगा। रोग है, रोगी है, दवा है, वैद्य है, पर किस्मत का घिनौना सच देखिए चारों में आपस में कोई तालमेल ही नहीं है।।
देश में लॉक डाउन और अनेकों प्रांतों में कर्फ्यू से लेकर अभी तक दो तीन बार अच्छा खासा दबंग भूकंप का दौरा देखकर दंग रह गए हैं।। आज नोएडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए और इस दहशत को बढ़ाने वाली भूकंप श्रृंखला किसी काले भैंसे पर बैठे यमराज से कम मिजाज लिए नहीं है।। उक्त भूकंप की रिएक्टर स्केल पर भी 3.2 की तीव्रता दर्ज की गई है।।।
कोरोनावायरस भौतिक संसार में आमजन की तरह घूमता फिरता मौज मनाता हुआ अंडर ग्राउंड रहते हुए अपने खूनी पंजा का खूनी खेल जारी रखे हुए हैं और समूचा विश्व इसके आगे घुटनों के बल बैठा दिखाई दे रहा है।।