चंडीगढ़:- 31 मई:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:– देशवासियों को पारदर्शिता और अपने अधिकारों को लेकर एक जोर का झटका सहना ही होगा और यह झटका कोई और नहीं देश के प्रधानमंत्री के कार्यालय से ही लगेगा!
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक प्रधानमंत्री केयर फंड कोई पब्लिक अथॉरिटी नहीं है। पीएम ने कोरोनावायरस वैश्विक महामारी यानी कोविड-19 राहत के लिए स्थापित किए गए पीएम केयर्स फंड की जानकारी देने से साफ साफ इंकार कर दिया है। बताते चलें कि पीएम केयर्स फंड के रिगार्डिंग अमुक ने राइट टू इनफार्मेशन एक्ट 2005 के तहत गठन संबंधी सूचना प्राप्त करनी चाहिए थी। लेकिन आवेदन करता को जो पीएमओ से रिप्लाई आया है, उसने देश भर के लोगों का विश्वास और उनकी आशा को झकझोर कर रख दिया है। लोगों ने दुख की इस घड़ी में आर्थिक मंदी से जूझने की गुहार करने वाले प्रधानमंत्री पर विश्वास करके पीएम केयर फंड में दिल खोलकर आर्थिक मदद करते हुए दान दिया था।। लेकिन अफसोस की बात है कि दान देने वाली जनता जनार्दन को यह जानकारी कभी नहीं मिल पाएगी कि पीएम के फंड का गठन, उसकी उपयोगिता, महत्वपूर्ण उद्देश्य और जमा फंड करोड़ों रुपयों की धनराशि का किस मद्द में उपयोग किया जा रहा है।।