मंझी और सुरीली गायिका है मीनाक्षी जांवदा

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चंडीगढ़: 30 मई:- आरके शर्मा विक्रमा/ करण शर्मा:– हिंदी व  पंजाबी और खासकर महामाई दुर्गा महाशक्ति के जागरण में सुरीले कर्णप्रिय  भजन कीर्तन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाली मीनाक्षी जावदा का जन्म फिल्लौर में हुआ था। और आज यह गायन कला  ही उनके शौक के रास्ते पर चलता हुआ सफल रोजी-रोटी का साधन भी बन चुका है। आमों के आम गुठलियों के दाम यानि  भगवान का सिमरन भी और लोगों को भी भगवान की भक्ति से जोड़ने का प्रयास उनका कामयाब कदम है।।

मीनाक्षी ने स्कूल की पढ़ाई के बाद 1993-95 में खालसा कॉलेज फॉरवुमन, कुम्हार मंडी लुधियाना से कॉलेज की पढ़ाई के बाद 1996-99 में रामगढ़िया कॉलेज लुधियाना से मास्टर ऑफ आर्ट्स  म्यूजिक वोकल अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण की।

मीनाक्षी जावदा का यह सिर चढ़कर बोलता शौक आज अन्य महिलाओं को भी अपनाने को प्रेरित करता है। और अपने पैरों पर खड़ा होने का हुनर जज्बा भी दर्शाता है।। सृष्टि की नारी महाशक्ति की द्योतक  आदि शक्ति मां दुर्गे की भक्ति भावना आस्थावान भक्तों के आचरण, सदव्यवहार और कर्मशीलता को पवित्रता के साथ-साथ प्रेरणादाई जीवन जीने की राह प्रशस्त करता है।

मीनाक्षी जावदा ने अल्फा न्यूज़ इंडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि घर में संगीत के मायने भगवान का शाश्वत आशीर्वाद साक्षात रूप में विद्यमान होना है।। धर्मवत आचरण और संस्कारों की निम्नगा  स्वयं ही प्रवाहमय  रहती है।।

गायिका मीनाक्षी जावदा आज खुद-ब-खुद में एक इस्टैबलिश्ड इंडस्ट्री कही जा सकती हैं वह खुद ही अपने लिए भजन कीर्तन गीत आदि रचती हैं और फिर उन्हें अपनी ही मधुर आवाज में गाकर प्रस्तुत करती हैं। और तो और अपने अनेकों बड़े कार्यक्रमों की निर्मात्री भी हैं।। साथ ही साथ में एक हुनरमंद एक्टिव व एक्टिंग कलाकार भी हैं।।

लाइव के बिजी शेड्यूल के चलते मीनाक्षी जावदा अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को संतुलित रखने में भी माहिर हैं। फुर्सत के पलों में खुद को तरोताजा और एक्टिव और स्ट्रसलैस करने के लिए अपने पैट चैरी ( बढ़िया नस्ल का कुत्ता) के साथ खेलना पसंद करती हैं।

अपने प्रोफेशन के बारे में बात करते हुए बताया कि साईं उनकी सूफी एल्बम खूब सराही गई थी और श्रोता अभी भी उनके गीतों को गुनगुनाते हैं। अप्रैल महीने में जेडईपीसी पंजाबी में स्टार ऑफ द वीक में उनका बहुत ही अच्छा इंटरव्यू संपन्न हुआ था उस वक्त उनके साथ एमसी सतनाम भी थे। मीनाक्षी का जिंदगी के प्रति एक ही फंडा है कि का बिल औरों के लिए नहीं खुद के लिए बनो।।। जिंदगी के अच्छे पल और अनुभवों को याद करते हुए बताया कि कलियों के गायक बादशाह कुलदीप  माणिक साहब जब उनके गायन की प्रशंसा की उनके सर पर प्यार भरा हाथ रख आशीर्वाद दिया तो उन्हें लगा जिंदगी की कमाई का फल मिल गया है।।

अपने श्रोताओं और पाठकों के लिए मीनाक्षी जावरा ने कुछ लाइनें लिख भेजी है कि

जिंदगी की कहानियां, उम्र की जवानियां, उम्मीदों के कत्ल दोहरातीं,  वक्त की मेहरबानियां,          रही दिल की बातें अनकहीं, पीड़ाएं जो बेवजह सहीं, आज भी आंखें भरती हैं हर्जाना, कहर  है तूफानियां,संग जो थे   हमारे, संग ही न चल सके, दिल का खून पिलातीं  फरजों की शैतानियां,  क्या खोया क्या पाया कांपती रूह को पता ना चले कारवां पे चल पड़े, कारवां को दबाकर, मजबूर दिल जैसे लिखे दर्द की कहानियां।।।

अल्फा न्यूज़ इंडिया सुरों की सोहनी को शुभकामनाएं देते हैं। और मीनाक्षी जावदा के चाहने वालों को यह भी बता देते हैं कि उनका प्यारा सा निकनेम मोनाज है।।

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