देवभूमि में पांच पत्रकारों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज

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चंडीगढ़: 22 मई: अल्फा न्यूज़ इंडिया  डेस्क:–कोरोनावायरस वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान हिमाचल प्रदेश पुलिस ने पांच पत्रकारों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से 4 एफआईआर लाइव वीडियो रिपोर्ट्स से संबंधित हैं, जिसमें लॉकडाउन में फंसे मजदूरों (Migrant Workers) के हालात को उजागर किया गया है। इस लाइव वीडियो में लोगों से बात की गई है और अपर्याप्त राशन होने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर में इन रिपोर्ट्स को ‘फर्जी’ और ‘सनसनीखेज’करार दिया गया है।
इन 14 एफआईआर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (Disaster management act) के सेक्शन 54 को आधार बनाया गया है, जिसमें फर्जी खुलासे से लोगों में घबराहट फैलने के आरोप में जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही आईपीसी के सेक्शन 188 के तहत सरकारी कर्मचारियों के आदेश का उल्लंघन करने का भी मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि नालागढ़ के जगत बेंस, जो कि न्यूज 18 हिमाचल और बीबीएन रियल न्यूज के लिए रिपोर्टिंग करते हैं, उनके खिलाफ बद्दी पुलिस ने तीन मामले दर्ज किए हैं। इनमें से दो केस राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए राशन की कमी का मामला उठाये जाने को लेकर है। वहीं एक मामला सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप है कि पत्रकार ने अवैध तरीके से राज्य में प्रवेश किया।
एफआईआर में कहा गया है कि जगत सिंह बैंस ने बिना किसी कारण के वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर इसे वायरल करने की कोशिश की। साथ ही बैंस पर वीडियो बनाने के लिए लोगों को इकट्ठा कर लॉकडाउन का नियम तोड़ने का भी आरोप है। हालांकि बैंस का कहना है कि वह अपनी रिपोर्ट पर अब भी कायम हैं। मजदूरों ने मुझे रिपोर्ट करने के लिए कहा था और ऐसा करना मेरी जिम्मेदारी थी।
इसी तरह दिव्य हिमाचल के पूर्व रिपोर्टर ओम शर्मा के खिलाफ भी तीन मामले दर्ज किए गए हैं। राशन की मांग के लिए धरना कर रहे लोगों की वीडियो बनाने के लिए एक मामला और दो अन्य मामले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज किए गए हैं।
बद्दी के एसपी रोहित मालपानी ने बताया कि सभी 6 न्यूज जो पोस्ट की गई, फर्जी थीं। पर्याप्त संख्या में राशन नहीं होने वाली खबर पुरानी थी।
आज तक के रिपोर्टर विशाल आनंद के खिलाफ भी दो एफआईआर दर्ज हुई हैं। डलहौजी के एसडीएम डॉ. मुरारी लाल और चंबा के एसपी डॉ. मोनिका की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई है।
इनके अलावा सुंदरनगर के इंडिपेंडेंट रिपोर्टर अश्विनी सैनी के खिलाफ भी फर्जी खबर चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पंजाब केसरी के पत्रकार सोमदेव शर्मा के खिलाफ भी फर्जी और गैर सत्यापित जानकारी छापने के आरोप में यह मामला दर्ज किया गया है।
शिमला स्थित वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के सदस्य मोहन लाल वर्मा का कहना है कि पत्रकार कोरोना संकट के बीच पहली पंक्ति के कोरोना वॉरियर हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बजाय उन्हें मेडिकल सहायता दी जानी चाहिए।

साभार राष्ट्रीय जनधारणा।।।।।

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