एसिडिटी गैस अफारा का सफल अचूक इलाज है आयुर्वेद में

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चंडीगढ़:- 10 मई:- आरके शर्मा विक्रमा// करण शर्मा प्रस्तोता:—एसिडटी के आयुर्वेदिक उपचार जो पलक झपकते ही आपको सफलतापूर्वक जल्दी ही आराम और राहत दिलाते हैं। आयुर्वेद में ही जीवन का सार है।
●●अदरक का रस:●●
नींबू और शहद में अदरक का रस मिलाकर पीने से, पेट की जलन शांत होती है।

●●अश्वगंधा:●●
भूख की समस्या और पेट की जलन संबिधत रोगों के उपचार में अश्वगंधा सहायक सिद्ध होती है।

●●●बबूना:●●●
यह तनाव से संबिधत पेट की जलन को कम करता है।

●●●चन्दन:●●●
एसिडटी के उपचार के लिए चन्दन द्वारा चिकित्सा युगों से चली आ रही चिकित्सा प्रणाली है। चन्दन गैस से सम्बंधित प्रणालियों को ठंडक पर्दान करता है।

●●●चिरायता:●●●
चिरायता के प्रयोग से पेट की जलन और दस्त जैसी पेट की गड़बडियों को ठीक करने में सहायता मिलती है।

●●●इलायची:●●●
सीने की जलन को ठीक करने के लिए इलायची का प्रयोग सहायक सिद्ध होता है।

●●●हरड:●●●
यह पेट की एसिडिटी और सीने की जलन को ठीक करता है ।

●●●लहसुन:●●●
पेट की सभी बीमारियोंय के उपचार के लिए लहसून रामबाण का काम करता है।

●●●मेथी:●●●
मेथी के पत्ते पेट की जलन दिसपेप्सिया के उपचार में सहायक सिद्ध होते हैं।

●●●सौंफ:●●●
सौंफ भी पेट की जलन को ठीक करने में सहायक सिद्ध होती है।
यह एक तरह की सौम्य रेचक होती है और शिशुओं और बच्चों की पाचन और एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी मदद करती है।

●एसिडिटी के घरेलू उपचार:●
विटामिन बी और ई युक्त सब्जियों का अधिक सेवन करें।

● व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां करते रहें।

● खाना खाने के बाद किसी भी तरह के पेय का सेवन ना करें।

● बादाम का सेवन आपके सीने की जलन कम करने में मदद करता है।

● खीरा, ककड़ी और तरबूज का अधिक सेवन करें।

● पानी में नींबू मिलाकर पियें, इससे भी सीने की जलन कम होती है।

● नियमित रूप से पुदीने के रस का सेवन करें ।

● तुलसी के पत्ते एसिडिटी और मतली से काफी हद तक राहत दिलाते हैं।

● नारियल पानी का सेवन अधिक करेँ।

साभार :नेचुरोपैथ कौशल!!

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