सुखना को कब नसीब होगा सुख, कब मिलेगी गाद से निजात

Loading

सुखना को कब नसीब होगा सुख, कब मिलेगी गाद से निजात  

चंडीगढ़ ; 2 जुलाई ; आरके शर्मा विक्रमा /एनके धीमान ;—-पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सपनोंका साकार रूप पैरिस सिटी बनाम सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ का दिल खूबसूरत झील सुखना आज अपनी खूबसूरती के लिए मोहताज हो रही है ! प्रशासन अपनी कोशिशे जारी रखे हुए हैं पर झील से गाद  गंदगी पूरी तरह हटाई जाये इसके लिए उनके हर प्रयास ऊंट के मुंह में जीरा हैं ! कागजी आंकड़ें दर्शाते हैं कि आज खबर लिखे जाने तक अभी भी 70 % गाद निकाली जानी बाकि है ! लेकिन क्या कारण हैं कि प्रशासन के प्रयास विफल दिख रहे हैं इसके पीछे बजह क्या हो सकती है ! न्यायालयों के हस्तक्षेप से भी प्रशासन के कार्यों की तेजी और कामयाबी 
क्यों नहीं झलक पा रही है ! क्या वाक्य ही तंत्र मंत्र यंत्र सब हाथी  के दन्त खाने के और दिखाने  के और वाली बात सिद्ध नहीं करते ! पिछले कई दशकों से झील से गाद निकालने के लिए प्रशासन सरकारी धन को जल की तरह बहा रहा है पर अभी तक ढाक  के तीन पात से ज्यादा रिजल्ट क्यों नहीं दिखाई देता ! ट्यूबबेल्स से पानी भरने की सोच भी हजम नहीं होती ! एक तरफ तो पब्लिक को पीने  के पानी के लाले पड़े हैं तो दूसरी तरफ सब इंसानियत दर किनारे करते हुए झील को भरा जा रहा है ! झील इंसानी जीवन पर भारी पड़ती रही ! आखिर गाद से इक मर्तबा क्यों नहीं निपटा जा रहा है ! शहर की शान है तो इंसान की कीमती जान भी है ! दोनों का आस्तित्व प्राथमिकता के लिए लड़ा और झील जीती ! आज भी चंडीगढ़ जैसे सर्व सुविधा सम्पन्न शहर में अनेकों बस्तियों झोपड़ पट्टियों  में पीने के पानी के लिए दिल दहलाने वाले हिंसक झगड़े आम होते हैं ! इस से साफ होता कि प्रशासन इंसानी जीवन और झील में से किस को कितना महत्व देता और रिजल्ट फिर भी हाथ कुछ नहीं आता है !! वैसे भी झील अपनी मूल पहचान खो रही है और नयेपन के आड़ में सुंदरता को ग्रहण भोग रही है ! बतखें यकलख्त खत्म होना अभी तक अपने आप में  सवाल बना हुआ है ! झील के सौंदर्यीकरण पर कितना धन व्यय हो चूका इसका हिसाब शायद रजिस्टर भी नहीं दे पाएंगे ! अनेकों जलीय जीव  जंतु कब कहाँ विलुप्त हुए कोई रिकॉर्ड तक उपलब्ध नहीं ! नहीं इन सब से कोई सबक लिया गया ! 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6725

+

Visitors