मुनि मंदिर में भक्त शिरोमणि हनुमान जन्मोत्सव भंडारे के साथ सम्पन्न 

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चंडीगढ़ ; 19 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा ;—– मर्यादा पुरुषोत्तम भगवाम सियाराम जी के अनन्य भक्त शिरोमणि और अतुलित बलधामा असुर संहारक अंजनी नंदन हनुमान जी का जन्मोत्सव सेक्टर 23 डी स्थित महावीर  हनुमान मुनि मंदिर की विख्यात पंचमुखी प्राणप्रतिष्ठित प्रतिमा के सामने वाली मुनि धर्मशाला के विशाल सभगार में धूमधाम और भक्तिमय वातावरण में आज सम्पन्न हुई ! मुनि सभा के प्रधान दलीप चंद  गुप्ता और आजीवन सदस्य पंडित राम कृष्ण शर्मा ने बताया कि कथावाचक रविनंदन शास्त्री ने भक्तजनों को हनुमान के गरिमामय जीवन संबंधी और भगवान सियाराम की अतुलनीय भक्तिभाव का विस्तारपूर्वक व्याख्या की !
हनुमान जन्मोत्सव और हनुमान जयंती के बीच के भेद पर स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि जयंती इंसान विशेष की जो परलोक सिधार चूका होता की मनाई जाती या कही जाती है ! लेकिन कलियुग में भी अजर अमर हनुमान मारुतिनंदन का जन्मोत्सव ही कहा जायेगा और मनाया जायेगा ! लेकिन इस अवसर पर सुंदरकांड आयोजन पर भी प्रकाश डालते हुए कथावाचक रविनंदन शास्त्री जी ने कहा कि भक वत्तस्ल हनुमान अपने गुणगान की बजाए भगवान श्री राम नहीं बल्कि सियाराम के सुमिरन से क्षण मात्र में रीझते हैं और पुकार क्रंदन सुनते पाप आभाव संताप रोग दोष हर हारते हैं !
ये ही भारतवर्ष के अटल रक्षक हैं जो हिन्दू धर्म संस्कृति और रामायण युगीन होने के बावजूद भी हर युग में द्रष्टा बने हैं ! आज इस अवसर पर मुनि मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव की ख़ुशी में लड्डुओं के अटूट प्रसादी वितरण किया गया ! हनुमान जी को श्री समर्पित महाआरती से पहले हनुमंत चालीसा व् हनुमानाष्टक और बजरंगबाण का पाठ किया गया ! विशेष रूप से ब्राह्मणों की यथा वंदना के बाद मिष्ठान और भोजन प्रसादी खिलाया गया ! बाद दोपहर डेढ़ बजे से खबर लिखे जाने तक अटूट चने पूरियां सलाद और बासमती चावल दाल मख़्खनि  पीली  दाल और पीली दाल का हलवा  बरताया गया ! तमाम भकटजनों को लड्ड़ओं के डिब्बों के साथ हनुमान जन्मोत्सव समागम स्थल से विदा किया गया ! अनेकों बार जय जय सियाराम व् जय जय वीर बजरंगी के जयघोषों से वातावरण धर्ममय बना रहा !    

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