पंडित रामकृष्ण शर्मा सहित एक सौ को नवाजा भामाशाह अवार्ड से

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  • चंडीगढ़/पंचकूला:-21 मार्च:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा:-पंचकूला में नारायण सेवा संस्थान का तीसरा समारोह एक सौ परोपकारियों दानवीरों को भामाशाह अवार्ड से सम्मानित करने के साथ संपन्न हुआ। आज स्थानीय सेक्टर 9 के प्राचीन शिव मंदिर, पंचकूला के सभागार में समाजिक दूरी और मास्क का समुचित उपयोग करते हुए यह अवॉर्ड सेरेमनी उत्साहजनक वातावरण में संपन्न हुई। उदयपुर से नारायण सेवा संस्थान के सक्रिय और अनुभवी समाजसेवियों ने स्थानीय सदस्यों के साथ मिलकर समारोह का भव्य आयोजन करके नारायण सेवा संस्थान का परचम इन अछूते क्षेत्रों में भी फहराने का सफलतापूर्वक कार्य किया।

इस बारे में नारायण सेवा संस्थान से जुड़े स्थानीय सक्रिय सदस्य ओम प्रकाश ने बताया कि आज एक सौ दानवीरों और परोपकारी महानुभावों को संस्थान की ओर से सम्मानित किया । और नई उपस्थिति के बीच उनके पुनीत कार्यों को मार्गदर्शन के रूप में उजागर किया गया। बेहतरीन मंच संचालन करती हुई अनामिका ने संस्थान की कोविड-19 के दौरान सराहनीय उपलब्धियों सहित भावी कार्यक्रमों का भी विस्तार पूर्वक उल्लेख किया।  और भाई मुकेश शर्मा जी ने तमाम व्यवस्थाओं का सफलतापूर्वक आयोजन करने में भागीरथ रोल अदा किया। 

संस्थान की ओर से पंडित रामकृष्ण शर्मा जाने-माने धर्म प्रज्ञ और समाज सेवक को भामाशाह अवार्ड से सम्मानित करते हुए उनकी धर्मपत्नी लक्ष्मी देवी शर्मा सहित उनके तीनों पुत्रों के परिवारों को भी मंच पर संस्थान के सदस्य सक्रिय समाजसेवी भाई मुकेश शर्मा जी और भाई ओम प्रकाश जी ने भामाशाह पगड़ी पहनाते हुए और संस्थान की कृष्ण पटिका   पहनाते हुए अलंकृत किया।।

सेवानिवृत्त महानुभावों और परोपकारी बुजुर्ग महिलाओं ने संस्थान की ओर स्वयं के प्रेरित होने से लेकर अब तक समर्पित सेवाओं का बखूबी उल्लेख किया। और समाज को एक ऐसे संस्थान के साथ जुड़ने का आह्वान किया। जिसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ विकलांगों दिव्यांगों अपाहिजों बेसहारा तमाम अभावग्रस्तों और दूसरे की ओर मदद के लिए देखने वालों के समाज का हाथ पकड़ने का आह्वान किया। 

अल्फा न्यूज इंडिया की ओर से आरके विक्रमा शर्मा ने भामाशाह अवॉर्ड सेरेमनी समारोह में शिरकत की। और हर भामाशाह अवार्ड विजेता को निजी तौर पर मिलकर बधाइयां दीं। उनके मंगल और स्वस्थ भविष्य की भी शुभकामनाएं दीं।

करतल ध्वनि से उस वक्त सभागार कुछ समय के लिए गूंजता रहा जब नारायण सेवा संस्थान की महान मानवीय संवेदनाओं को जोड़ने वाली उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अनामिका ने मंच से जानकारी सांझा करते हुए कहा कि संस्थान आज तक तकरीबन 4:45 लाख दिव्यांगों को नई जिंदगी प्रदान कर चुका है। और कोविड-19 के दौरान 35  दिव्यांगों के जोड़ों को परिणय बंधनों में बंधने का समारोह सफलतापूर्वक दानवीर सज्जनों के सहयोग से संपन्न करने में सफल रहा। और इसके साथ-साथ संस्थान की मान्यता की ऑक्शन सेवा में अनेकों सेवाएं जारी हैं ।। अपाहिजों की  अब वेटिंग लिस्ट बढ़ती जा रही है। स्थान सुविधाओं चिकित्सकों और नाना प्रकार के कृत्रिम अंगों की भारी डिमांड होने के चलते नए मानवतावादी दृष्टिकोण रखते हर मानव को संस्थान के साथ जोड़ना अनिवार्य है। इसलिए मानवता प्रेमियों को आह्वान किया गया है कि वह धर्म, जाति  नस्ल व संप्रदाय मत हर बंधन से ऊपर उठकर संस्थान के लिए अपनी नेक कमाई में से कुछ न कुछ हिस्सा मदद के तौर पर जरूर दान करें। क्योंकि संस्थान में हर मजहब के पीड़ित प्रभावित अपाहिज असहाय के लिए हर समय मदद के द्वार खुले हैं। इस मौके पर भाई प्रशांत अग्रवाल का प्रेरित करता संदेश और आज के समारोह की शान बने हर एक महोदय का धन्यवाद करता हुआ प्रस्ताव पढ़ा गया। इस शानदार और यादगार अवॉर्ड सेरेमनी का समापन लजीज और पौष्टिक भोजन और मिष्ठान की व्यवस्था और वितरण के साथ संपन्न हुआ। 

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