पुलिस और पॉलिटिशियन में फंस गया पेंच, मेजर के सामने पड़ गए एसएचओ

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चंडीगढ़ : 15 अप्रैल:- आरके शर्मा विक्रमा/एनके धीमान :— तू डाल डाल मैं पात पात । और जिस दिन पेचा पै गया यार रड़कां कड देणगे,,,,, यह पंजाबी कहावतें आपने आम सुनी होंगी। लेकिन यह जालंधर में पॉलिटिशियन और पुलिस के बीच सच भी साबित हुई हैं। मौका पड़ा तो पुलिस ने पॉलिटिशन से मार खाई। और जब वक्त ने करवट ली तो पुलिस ने पॉलीटिशियन को बखूबी लपेटा। जी हां, पंजाब पुलिस अखबारों की ना सूखने वाली स्याही है। और देश में ही नहीं, विदेशों में भी चर्चा का विषय बनी रहती है। कभी अपनी उदारता, समाज सेवा व परोपकारी भावना तो कभी पुलिस रौबों और वर्दी की बेपरवाही ना जाने ऐसे कितने कारणों के कारण चर्चा में रहती है। लेकिन फिर भी पंजाब पुलिस जिंदाबाद है। और जिंदाबाद रहते हुए बनी रहेगी। क्योंकि सिक्के के दो पहलू की तरह पंजाब पुलिस में भी रोबदार, कर्मठ, लगनशील और दया से भरे ऑफिसर हैं। तो दूसरी और चंद अफसर वह मुलाजिम खाकी वर्दी पर दाग लगाने से भी गुरेज नहीं करते हैं।।

देश में आज जो स्थान मोदी पीएम का है। वही पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन सीएम का है। तो जब पंजाब में कांग्रेस का राज है। तो कांग्रेस भी वही सब कुछ कर सकती है। जो देश में सत्तारूढ़ पार्टी कर रही है। मनमर्जियां का खेला है। अनियमितताओं अव्यवस्थाओं का ठेला है। यह तो चलता ही रहेगा। वक्त बताएगा, किसने, किसको, कब, कहां और कैसे पेला है।। कांग्रेसी नेता मेजर सिंह के समीपवर्ती खासमखास लोगों ने  भार्गव कैंप थाने के प्रभारी भगवंत भुल्लर के साथ गाली-गलौज मारपीट की। अब हमलावारों की मुश्किलें कुछ ज्यादा ही वर्दीधारियों  ने खींच कर लम्बी कर दी  हैं। भगवंत भुललर एस एच ओ पर खुलेआम अक्रामण करने वाले कांग्रेसी कद्दावर  नेता मेजर सिंह के खासमखास में दो मुस्तैद हमलावर अभी तक तो फ़रार ही चल रहे हैं। वहीं, मामले में अब उनके ख़िलाफ़ धारा 307 लगाकर  हमलावरों की  मुश्किलों में और इजाफा कर दी है। वहीं, कर्तव्य परायण व अपनी ड्यूटी को समर्पित पुलिसकर्मियों की फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है। एस एच ओ भुल्लर के ख़िलाफ़ माडल हाउस के कांग्रेसी वर्करों ने हमला किया था । बाद में अपने गुनाह छिपाने के लिए भुललर के ख़िलाफ़ भी प्रेस कांफ्रेंस कर दी थी। पी पुलिस पी पालीटिशियन पी प्रेस पी पब्लिक और अब पुलिस और पॉलिटिशियन के बीच का दंगल अब सभी चटखारे लेकर देखेंगे। और देश का कानून कितना सख्त, कितना सफल निष्पक्ष आधारवान और कितना धैर्यवान है। यह जगजाहिर है। यह तो कतई लिखने की जरूरत भी नहीं है।

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