दूजे स्थान के लिए कांग्रेस और भाजपा होंगे आमने सामने ; हरमोहन धवन 

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चंडीगढ़ ; 15 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा / एनके धीमान ;—– चंडीगढ़ की सियासत भी उफान की राह जोह रही है ! हालाँकि स्थानीय संसदीय सीट के लिए चुनाव मतदान की तिथि 19 मई ऐलानी गई है लेकिन शहर के हरफन मौला नेता और जन जन की पुकार की हुंकार कहे जाने वाले हरमोहन धवन ने सबसे पहले अपना चुनाव प्रचार बतौर आम आदमी पार्टी उमंमीदवार शुरू किया ! जोकि अबाध रूप से सुनामी का रूप ले चूका है ! इसी लोकप्रियता और लोगों से मिलते समर्थन के बलबूते हरमोहन धवन अपने चुनाव को जनता का चुनाव बता कर  जनता को सम्मानित करते हैं ! हरमोहन धवन से एक संक्षिप्त बातचीत  में पूर्व केंद्रीय राज्जीय उड्डयन मंत्री हरमोहन धवन  ने अपने चुनाव को जन जन का चुनाव कहा और बताया जनता जब दूसरों को जिताने का दमखम रखती है तो फिर अपना चुनाव वो जितना बखूबी  जानती है ! 
                         कबीले जिक्र है अनेकों कांग्रेसियों और भाजपाइयों में आज भी हरमोहन धवन दिल की धड़कन बन धड़कते हैं ! कारण यहीं है कि जो काम आज तक कोई अन्य सांसद शहर के लिए सोच भी न पाया उनको पूरी तरह से हरमोहन धवन ने सिरे चढ़ा कर दिखाया ! फिर वो चाहे यूटी एम्प्लाइज को पंजाब पे स्केल दिलवाना हो या फिर शहर को बड़ा सरकारी अस्पताल और मेडिकलकॉलेज दिलवाना धवन ने सेक्टर 32 में जीएमसीएच  बनवा कर दिया ! गरीबों को सर की छत दिलवाने में धवन की देनदारी कोई भी कलोनी वासी कभी दिल से बिसर ही नहीं सकता है ! जीत के प्रति बेफिक्र हरमोहन धवन के साथ 36 विरादरीज के लोगों के हुजूम एक आवाज में साथ खड़े मिलते हैं ! आम आदमी पार्टी के सशक्त उम्मीदवार हरमोहन धवन ये जीत सिर्फ जनता के लिए दर्ज करके शहर को अलग तोहफे देने की कवायद मन में लिए चुनाव मैदान में आ डटे हैं ! 
               जब जब शहर वासियों को सियासी समर्थन की जरूरत पड़ी तो बाकि दिल्ली कूच करजाते रहे पर ये अकेले हरमोहन धवन थे जो ऐसी की ठंडी हवा छोड़ कर धरने प्रदर्शनों में जा कर बैठते रहे और ठोस कार्यवाही के बाद ही उठते रहे ! धवन की आलिशान कोठी आज भी हर जरूरतमंद और आस लगाए और निराश के लिए सम्मान जनक आश्रय या घर के रूप में देखि जाती है ! सियासत की नब्ज की पकड़ रखने वाले धवन ने शहर के कल्याण के लिए ही पार्टी तक बदली हैं और शहर की झोली में नायब तोहफे डेल भी हैं और दूसरी सरकारों से डलवाये भी हैं ! मलिन बस्तियां हों या फिर झोपड पट्टियां सब के घरों में उजियारा पिने को पानी और सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था का बीड़ा हरमोहन धवन में उठाया तो फिर कामयाबी लिए बिना साँस तक न ली थी ! कलोनियों में कीचड़ से लबालब गलियां अधेंरे में भटकती कालोनी की जनता को राहत दिलाने वाले धवन के लिए आज भी कलोनी वासी आज भी एक इशारे पर एकजुट खड़े रहते हैं ! हरमोहन धवन ही ये वो शख़्स है जिसने अपनी लोकप्रियता और शहर के लिए कुछ अच्छा करने को शर्त पर भारतीय जनता पार्टी की पैराशूट उम्मीदवार किरनखेर को जितवाया था और मोदी से किया वादा बखूबी निभाया था ! हाँ ये अलग बात है कि मोदी ने हरमोहन धवन से किया वादा निभाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली ! लेकिन राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री  भारत सरकार अपने  चंडीगढ़ के दौरे केदौरान हरमोहन धवन की गैरमौजूदगी से हर बार खफा होकर गए ! ये हरमोहन धवन की लोकप्रियता और सियासत की अच्छी परख और पकड़ के बलबूते ही सम्भव है नाकि खाली भीड़ जुटाने या नारे लगवाने से सम्भव होता है ! इस बार कांग्रेस से पूर्व रेलवे मंत्री पवन कुमार बंसल  और चंडीगढ़ की आवाज पार्टी सिंह अविनाश शर्मा फ़िलहाल मैदान में हैं और भाजपा अभी तक तो अपना उम्मीदवार तक भी तय भी नहीं कर पाई है ! उम्मीदवारों को खुद गली मुहल्ले जा जा कर अपना चुनाव प्रचार करना पड्रता है तो दूसरी ओर  जन समूह और समाजसेवी संगठन आदि खुद अपने इलाके में हरमोहन     धवन के लिए बड़े इक्क्ठ करते देखे जा रहे हैं ! हरमोहन धवन की शहर के लिए कुछ अलग कर गुजरने की लालसा ही उनकी उम्र के भी आड़े नहीं आती है ! वो बिना चुनाव के भी अपने शहर वासियों के दुःख दर्द आदि में बखूबी शिरकत करते देखे जाते हैं ! तभी तो शहर का अनपढ़ और शिक्षित तबका ये अवसर सिर्फ और सिर्फ हरमोहन धवन को देने का मन ही बना नहीं बैठा बल्कि संकल्प भी लिए बैठा है !   

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